10वी-12वीं की ऑफलाइन परीक्षा के विरोध में शिक्षक व छात्र संगठन
10वी-12वीं की ऑफलाइन परीक्षा के विरोध में शिक्षक व छात्र संगठन
डिजिटल डेस्क,मुंबई। राज्य में तेजी से बढ़ते कोरोना संक्रमण को देखते हुए शिक्षक संगठनों सहित छात्र संगठन व अभिभावक संघ 10वीं व 12 वीं की परीक्षा स्कूल-कालेज में कराने की बजाय ऑनलाइन परीक्षा कराने की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस ने भी राज्य की स्कूली शिक्षामंत्री वर्षा गायकवाड को पत्र लिख कर इस तरह की मांग की है। राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस के मुंबई अध्यक्ष अमोल मटाले ने स्कूली शिक्षामंत्री को भेजे पत्र में कहा है कि दसवी-बारहवी की ऑफलाइन परीक्षा से छात्रों के कोरोना संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाएगा।
उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों पर संक्रमण रोकने के लिए चाहे जितने उपाय कर लिए जाए पर परीक्षा देने के लिए यात्रा के दौरान छात्र कोरोना की चपेट में आ सकते हैं। राकांपा नेता ने कहा कि कोरोना संकट के चलते छात्र इस साल परीक्षा की तैयारी भी ठीक से नहीं कर सके हैं। सालभर उन्होंने ऑनलाई पढाई की है और ऑनलाईन और प्रत्यक्ष शिक्षा में फर्क होता है। इस लिए छात्रों की परेशानी को समझते हुए इस साल ऑनलाईन परीक्षा आयोजित किया जाए। पिछेल कुछ दिनों के दौरान छात्र व उनके अभिभावक राज्यभर में जगह-जगह ऑफलाईन परीक्षा के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं।
विरोध में शिक्षक संगठन
10वीं-12वीं की ऑफलाईन परीक्षा आयोजित करने को लेकर शिक्षक संगठन भी विरोध में हैं। मुंबई प्रिंसिपल एसोसिएशन के प्रवक्ता प्रशांत रेडिज का कहना है कि हम पहले से ही सरकार से यह मांग कर रहे हैं कि ऑफलाईन परीक्षा आयोजित न किया जाए। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार से मांग है कि परीक्षा का फैसला लेने का अधिकार स्कूलों को दिया जाए। स्कूल परिस्थिति को देखते हुए फैसला लेंगे। रेडिज ने कहा कि यह वैश्विक संकट है। ऐसी परिस्थिति में बच्चों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। रेडिज ने कहा कि मुंबई के स्कूल तो सालभर से बंद हैं। ऐसे में ऑफलाईन परीक्षा से छात्रों के साथ न्याय नहीं होगा।