सरकार को लग रहा चूना, घर बैठे वेतन ले रहे 800 शिक्षक

सरकार को लग रहा चूना, घर बैठे वेतन ले रहे 800 शिक्षक

Anita Peddulwar
Update: 2019-03-11 06:00 GMT
सरकार को लग रहा चूना, घर बैठे वेतन ले रहे 800 शिक्षक

डिजिटल डेस्क, नागपुर।   राज्य में बंद हो रहे स्कूलों के कारण "अतिरिक्त" घोषित किए गए शिक्षकों और कर्मचारियों  का लंबे समय से समायोजन नहीं हुआ है। ऐसे करीब 800 शिक्षक घर बैठे वेतन ले रहे हैं। इससे सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। विमुक्त जाति भटक्या जमाति, अन्य पिछड़ा वर्ग व विशेष पिछड़ा वर्ग विभाग के प्रधान सचिव जे. पी. गुप्ता ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को लिखे पत्र में इसके लिए जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने सभी जिलों से इसकी रिपोर्ट मंगवाई है। प्रधान सचिव के अनुसार संबंधित अधिकारियों ने अगर इस दिशा में ध्यान दिया होता, तो सरकार को इतना बड़ा नुकसान नहीं होता। 

समायोजन हुआ ही नहीं
दरअसल, राज्य सरकार द्वारा अनुदानित स्कूलों में कई स्कूल खासकर सरकारी मराठी स्कूल लगातार  बंद हो रहे हैं। यहां के कुछ शेष बचे विद्यार्थियों को नजदीक के दूसरे स्कूल में भेज दिया जाता है। वहीं शिक्षकों और कर्मचारियों को अतिरिक्त घोषित किया जाता है। दूसरी ओर नियुक्ति निकलने पर उनका वहां समयोजन किया जाता है, लेकिन नागपुर समेत प्रदेश भर में अतिरिक्त शिक्षकों-कर्मचारियों की संख्या बहुत ज्यादा हो गई है। उनका अब तक समायोजन नहीं हुआ है। नागपुर में प्राथमिक और माध्यमिक मिला कर 800 से अधिक अतिरिक्त शिक्षक-कर्मचारी हैं। 

कार्रवाई की तैयारी 
प्रधान सचिव के अनुसार, मंत्री राजकुमार बडोले के साथ हुई बैठक में यह विषय निकल कर आया। मंत्री ने इस कार्यशैली पर सख्त नाराजगी जताई है, जिसके बाद प्रधान सचिव ने संबंधित विभाग संचालक और सभी प्रदेश उपायुक्त और सहायक उपायुक्तों को पत्र लिख कर फटकार लगाई है। साथ ही सभी जिलों, विभागों में अतिरिक्त शिक्षक-कर्मचारियों और उनके समायोजन की रिपोर्ट मांगी है। समायोजन प्रक्रिया में किस अधिकारी ने किस स्तर पर गड़बड़ी की है, इसकी जानकारी भी मांगी है, जिसके बाद सरकार इस पर जरूरी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। नागपुर विभाग के शिक्षकों की मानें तो नागपुर में भी समायोजन की प्रक्रिया में कई गड़बड़ियां हैं। जिले में बड़ी संख्या में अतिरिक्त शिक्षक होने के बाद भी कई शिक्षा संस्थाओं को नई नियुक्तियां करने की अनुमति दी जा रही है, जिससे यह समस्या विकराल रूप ले रही है। 

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