फर्जी दस्तावेज बनाकर किराएदार ने  मकान हड़पने का षड्यंत्र रचा

 फर्जी दस्तावेज बनाकर किराएदार ने  मकान हड़पने का षड्यंत्र रचा

Anita Peddulwar
Update: 2020-06-04 06:48 GMT
 फर्जी दस्तावेज बनाकर किराएदार ने  मकान हड़पने का षड्यंत्र रचा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जरीपटका क्षेत्र में एक मकान मालिक के किराएदार दंपति ने फर्जी दस्तावेज बनाकर मकान हड़पने का षड्यंत्र रचा। मकान मालिक को न्यायालय में 17 वर्ष तक केस लड़ना पड़ा और अंत में न्यायालय ने आरोपी दंपति को घर छोड़ने का आदेश दिया। उसके बाद भी आरोपी दंपति ने दोबारा उसे हड़पने की साजिश रची। जब यह बात मकान मालिक मारुति सूर्यवंशी को पता चली तब उन्होंने आरोपी लता ठाकुर और उसके पति कुंवरसिंह ठाकुर के खिलाफ जरीपटका थाने में शिकायत की। जरीपटका के वरिष्ठ थानेदार खुशाल तिजारे के आदेश पर पुलिस ने ठाकुर दंपति के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।

फर्जीवाड़े की हर तरकीब निकाली
पुलिस सूत्रों के अनुसार, नजूल ले-आउट जरीपटका निवासी मारोती गुलाब सूर्यवंशी (51)  ने पुलिस को बताया कि अगस्त 2002 में उन्होंने अपने मकान के तीन कमरे लता ठाकुर और उसके पति  कुंवरसिंह ठाकुर को किराए पर दिया था। कई बार बोलने के बाद भी ठाकुर दंपति ने उनके मकान का कमरा खाली नहीं किया। अप्रैल 2003 में लता और कुंवरसिंह ने 20 रुपए के स्टैंप पेपर पर फर्जी बिक्री-पत्र तैयार किया। वेंडर का नकली स्टैंप मार कर सूर्यवंशी के नाम का फर्जी हस्ताक्षर भी किया। इसके आधार पर ठाकुर दंपति ने एमएसईबी विभाग से  बिजली मीटर भी ले लिया। इतना ही नहीं, आरोपी महानगरपालिका में फर्जी दस्तावेज जमा कर आधे मकान का टैक्स भी भरने लगे। सूर्यवंशी के आधे मकान को अपना मकान बताकर आरोपियों ने निचली अदालत में केस दाखिल कर दिया और फिर किराया देना भी बंद कर दिया। अंतत:  न्यायालय में सच सामने आ गया। आरोपी ठाकुर दंपति की सारी करतूतें उजागर हो गई। न्यायालय ने करीब 17 साल तक चले इस प्रकरण में सूर्यवंशी के पक्ष में फैसला सुनाया और ठाकुर दंपति को घर खाली करने तथा ब्याज के साथ बकाया किराया घर मालिक सूर्यवंशी को देने के लिए आदेश दिया। 

दोबारा साजिश रची
लता और कुंवरसिंह ठाकुर ने न्यायालय के समक्ष आश्वासन दिया था  कि वह सूर्यवंशी के मकान के तीनों कमरे खाली कर देंगे। आरोपियों ने कुछ सामान स्थानांतरित भी कर दिया। बाद में दोबारा सूर्यवंशी के घर पर कब्जा जमाने के लिए षड्यंत्र रचा। आरोपी लता ने इस बार अपने नाम का फर्जी बिक्री पत्र बनाया। उसने यह साबित करने का प्रयास किया कि सूर्यवंशी ने उसे अपना आधा प्लॉट बेचा है। इसके आधार पर लता ने दोबारा थाने में शिकायत की। यह बात पता चलने पर सूर्यवंशी ने सारी कहानी पुलिस को बताई। वरिष्ठ थानेदार तिजारे ने सूर्यवंशी की शिकायत पर आरोपी ठाकुर दंपति के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 

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