नवाब मलिक के समर्थन में धरने पर ठाकरे सरकार

तीनों दलों के मंत्रियों, नेताओं ने गांधी प्रतिमा के सामने किया अनशन  नवाब मलिक के समर्थन में धरने पर ठाकरे सरकार

Anita Peddulwar
Update: 2022-02-24 13:56 GMT
नवाब मलिक के समर्थन में धरने पर ठाकरे सरकार

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक की गिरफ्तारी के विरोध में महाविकास आघाड़ी सरकार में शामिल मत्रियों, सत्ताधारी दलों के विधायकों सहित अन्य नेताओं ने गुरुवार को धरना दिया। मंत्रालय के पास स्थित महात्मा गांधी प्रतिमा पर धरना-प्रदर्शन किया गया। महाविकास आघाड़ी के मंत्रियों ने एक सुर में कहा कि मलिक कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। सुबह के समय प्रदर्शन शुरू होने पर उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राकांपा प्रदेश अध्यक्ष तथा राज्य के जलसंसाधन मंत्री जयंत पाटील, राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात, पीडब्ल्यूडी मंत्री अशोक चव्हाण समेत राकांपा और कांग्रेस के अधिकांश मंत्री पहुंचे। लेकिन शिवसेना के मंत्री नजर नहीं आ रहे थे। मीडिया में शिवसेना के मंत्रियों की गैर मौजूदगी पर सवाल उठने लगे। इसके बाद शिवसेना के वरिष्ठ नेता तथा उद्योग मंत्री सुभाष देसाई धरना स्थल पर पहुंचे। शिवसेना की ओर से सफाई दी गई पार्टी के कई मंत्री उत्तर प्रदेश और कोंकण के दौरे पर होने के चलते प्रदर्शन में शामिल नहीं हो पाए। प्रदर्शन में राकांपा, कांग्रेस के अलावा शिवसेना की महिला कार्यकर्ताओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। इस दौरान कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक के भाई तथा राकांपा नगरसेवक कप्तान मलिक और नवाब की बेटी निलोफर मलिक भी मौजूद थीं। तीनों दलों के कार्यकर्ताओं ने भाजपा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। 

इस्तीफा नहीं देंगे मलिकः जयंत पाटील 
राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने कहा कि मलिक कैबिनेट मंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों में कोई तथ्य नहीं है। इसलिए मलिक के इस्तीफे का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। पाटील ने कहा कि भाजपा का सपना ही है कि कोई न कोई कार्रवाई करके अधिक से अधिक मंत्रियों का इस्तीफा लिया जाए। पाटील ने कहा कि भाजपा सरकार गिराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। लेकिन कोई सफलता नहीं मिल रही है। इसलिए भाजपा आखिरी शस्त्र के रूप में जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। 

इस्तीफे की जरुरत नहीः चव्हाण
जबकि भाजपा की ओर से मलिक के इस्तीफे को लेकर दबाव बनाए जाने पर कैबिनेट मंत्री अशोक चव्हाण ने कहा कि महाविकास आघाड़ी के प्रमुख नेताओं की बैठक में तय हो चुका है कि मलिक से इस्तीफा लेने की आवश्यकता नहीं है। चव्हाण ने कहा कि ईडी मलिक के खिलाफ जांच कर सकती है। लेकिन केवल संदेह के आधार पर मलिक के खिलाफ इस तरीके की कार्रवाई उचित नहीं है। मलिक पर बदले की भावना से राजनीति के तहत कार्रवाई हुई है। जबकि राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने कहा कि भाजपा को मलिक का इस्तीफा मांगने का नैतिक अधिकार नहीं है। वहीं राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि लोकतंत्र में सभी लोगों को आंदोलन करने का अधिकार है। आंदोलन करना मतलब दबाव नहीं है। सुले ने कहा कि भाजपा को नैतिकता के मुद्दे पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। जनता सब जानती है कि बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है। 
 

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