नागपुर में बिखरी छठ की छटा, उदयमान भास्कर को अर्घ्य देकर छठव्रतियों ने पूरी की पूजा

नागपुर में बिखरी छठ की छटा, उदयमान भास्कर को अर्घ्य देकर छठव्रतियों ने पूरी की पूजा

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-14 08:39 GMT
नागपुर में बिखरी छठ की छटा, उदयमान भास्कर को अर्घ्य देकर छठव्रतियों ने पूरी की पूजा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उदयमान भास्कर को अर्घ्य देकर छठव्रतियों ने तीन दिवसीय महापर्व की पूजा पूरी की। विधिवत पूजा-अर्चना पश्चात व्रतधारियों ने अपना उपवास छोड़ा।  मंगलवार की शाम को ही धीरे-धीरे भगवान सूर्य अस्ताचलगामी होते देख व्रती तालाब में बने घाट पर खड़े होने लगे। छठव्रतियों ने भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया। दोनों हाथ जोड़कर जल से भरे कलश लिए सूर्य से संतान की सुख-शांति और लंबी आयु के लिए कामना की। अंबाझरी तालाब, बाराद्वारी पारडी, पुलिस लाइन टाकली तालाब परिसर में उत्तर भारतीयों का मेला लगा रहा।  
अंबाझरी तालाब परिसर छठ के मधुर गीतों से गूंज उठा।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ लोकगीतों ने किया मंत्रमु्ग्ध
राष्ट्रीय छठ पूजा समिति की ओर से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में लोकगायकों ने छठ के गीत प्रस्तुत कर मंत्रमुग्ध कर दिया।  नदी-तालाबों पर बने घाटों पर तैनात सुरक्षा प्रहरी और विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं की आतुरता बढ़ती रही। शाम 4 बजते-बजते पारंपरिक लोकगीतों की मधुर ध्वनि सुनाई देने लगी। ‘केलवा जे फरेला घवद से, ओह पे पर सुग्गा मेड़राए...’ जैसे छठ गीत गुंजायमान हो उठे। आगे-आगे पुरुष के सिर पर डाला अर्थात दउरा (जिसमें सभी पूजन सामग्री रखी होती है) और उसके पीछे ग्रुप में लोकगीत गाती परिवार की महिलाएं व बच्चियां, अद्भुत नजारा। साल में सिर्फ एक बार दिखने वाला यह दृश्य खास होता है, क्योंकि यह महापर्व छठ का लगभग चरम होता है। व्रती निर्धारित घाट पर पहुंचे और दउरा सलीके से रखने के बाद भगवान भास्कर की आराधना में लग गए। इस बीच लोकगीतों की रसधारा बहती रही। लोकगीतों ने उपस्थितों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

पुष्पवर्षा से स्वागत 
छठव्रतियों का विभिन्न संगठनों की ओर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। मनपा की ओर से अंबाझरी तालाब तक पहुंचने के लिए स्वागत द्वार और सीढ़ियां बनाई गई थीं। कई संगठनों की ओर से छठव्रतियों पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।  तीन दिवसीय छठ महापर्व का उदयमान भास्कर को अर्घ्य देकर समापन किया गया। 

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