आचार संहिता का असर, रजिस्ट्रियों की संख्या में भारी गिरावट

आचार संहिता का असर, रजिस्ट्रियों की संख्या में भारी गिरावट

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-15 07:37 GMT
आचार संहिता का असर, रजिस्ट्रियों की संख्या में भारी गिरावट

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। अचार संहिता का सबसे बड़ा असर रियल स्टेट कारोबार पर पड़ा है। अचार संहिता लगने के बाद रजिस्ट्रियों की संख्या में रिकॉर्ड कमी आई है। 1 नवंबर के बाद से तो स्थिति और बदतर हो गई है। आखिरी 15 दिनों में 12 से ज्यादा रजिस्ट्रियां नहीं हो पा रही है। पिछले साल की तुलना में नौ लाख रुपये कम की आय अधिकारियों ने अर्जित की है। जिले में 6 अक्टूबर से अचार संहिता लगी है। उसके बाद जिला पंजीयन विभाग में सन्नाटा पसरा हुआ है। नवंबर आते तक स्थिति इतनी बदतर हो चुकी है। गिने-चुने  लोग ही रजिस्ट्रियां करवाने के लिए आ रहे हैं। जमीन कारोबारी भी दंग है कि इन डेढ़ महीने के दौरान प्लाटों की बिक्री पूरी तरह से ठप हो चुकी है। नवंबर 2017 में 1से 13 नवंबर के बीच 468 रजिस्ट्रियां हुई थी। जिसमें विभाग को 1 करोड़ 89 लाख की आय हुई थी। वहीं इसी माह 1 से 13 नवंबर 2018 के बीच महज 304 रजिस्ट्रियां हुई। आय भी 1 करोड़ 81 लाख में जाकर अटक गई है। 

तगड़ी सुरक्षा भी बनी परेशानी
चुनाव के चलते 2 नवंबर से कलेक्ट्रेट की सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। आम आदमी का जाना भी दूभर हो चुका है। जिसको भी रजिस्ट्री में गिरावट का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। कई कॉलोनाइजर इसकी शिकायत भी कर चुके हैं। साधारण काम के लिए भी कलेक्ट्रेट के अंदर जाने पर लोगों को रोका जा रहा है।

ये तीन वजह सबसे बड़ा कारण
केश परिवहन: आचार संहिता के चलते प्रशासन ने केश परिवहन पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। सिर्फ 50 हजार तक की राशि ही लाई व ले जाई जा सकती है। चारों तरफ तगड़ी जांच चल रही है। जिसके कारण भी जमीन कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है।

मास्टर प्लान: रेयल स्टेट कारोबारियों को नए मास्टर प्लान का बेसब्री से इंतजार है। आस लगाए बैठे है कि आचार संहिता के बाद संभवत: नया मास्टर प्लान लागू कर दिया जाएगा। जिसके बाद कई ग्रीन लेंड की जमीन यलो लेंड में तब्दील हो जाएगी।

नई नीति:  विधानसभा चुनाव के बाद रेयल स्टेट कारोबारी सरकार की नई नीतियों का भी रास्ता ताक रहे हैं। उम्मीद है कि नई नीतियां आई तो कारोबारियों को कई स्तरों पर रियायत दी जा सकती है। इस वजह से भी जमीन के कई अहम सौदों पर फिलहाल ब्रेक लगा हुआ है।

इनका कहना है
रजिस्ट्रियों की संख्या मे कमी आई है लेकिन राजस्व में कोई खास गिरावट दर्ज नहीं की गई। संभवत: आगे दिए गए टारगेट को पूरा कर लिया जाएगा। -एसएस मेश्राम जिला पंजीयक

 

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