गोसीखुर्द की नहर टूटी, पानी घुसने से 25 हेक्टेयर में लगी धान फसल तबाह

 गोसीखुर्द की नहर टूटी, पानी घुसने से 25 हेक्टेयर में लगी धान फसल तबाह

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-03 05:53 GMT
 गोसीखुर्द की नहर टूटी, पानी घुसने से 25 हेक्टेयर में लगी धान फसल तबाह

डिजिटल डेस्क,चिंचोली(ब्रह्मपुरी)। गोसीखुर्द बांध की नहर टूटने से 25 हेक्टेयर क्षेत्र में लगी फसल बर्बाद हो गई। पूरे खेतों में पानी घुसने से किसानों पर घोर संकट आन पड़ा है। जानकारीक के अनुसार पवनी सिंचाई विभाग अंतर्गत सीमेंट की नहर टूट गई जिससे ब्रह्मपुरी तहसील स्थित तोरगांव खुर्द के धान उत्पादक किसानों के तकरीबन 25  हेक्टेयर क्षेत्र में नहर का पानी भर गया।  नहर के आसपास के 5 हेक्टेयर खेतों में मलबा जमा हो गया है। इस घटना से अनेक किसानों की खड़ी फसल चौपट हो गई। तहसील प्रशासन ने अब तक इस घटना के लिए सिंचाई विभाग के किसी अधिकारी-कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

घटिया निर्माण कार्य का नतीजा
गोसीखुर्द जैसी पुरानी व विशाल परियोजना पर बनाई गई सीमेंट की नहर घटिया दर्जे की होने के कारण यह हादसा हुआ और किसानों की धान फसल चौपट हो गई। इन किसानों का आरोप है कि नहर बनाने में बरती गई लापरवाही और इस्तेमाल की गई घटिया सामग्री के चलते नहर टूटी है। इसके लिए सिंचाई विभाग के अधिकारी एवं ठेकेदार जिम्मेदार हैं। तहसीलदार, पटवारी एवं अन्य अधिकारियों ने आकर टूटी नहर का जायजा तो लिया, लेकिन किसानों की नुकसान भरपाई को लेकर किसी ने अब तक आश्वस्त नहीं किया है। इसके चलते भ्रष्ट व्यवस्था का खामियाजा भुगत रहे किसानों ने प्रशासन की खानापूर्ति पर ऐतराज जताया है।

सिंचाई विभाग करेगा कार्रवाई
सीमेंट नहर टूटने की जानकारी मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंचे और पंचनामा किया। इससे 25  हेक्टेयर में लगी फसल को नुकसान हुआ है जबकि 5 हेक्टेयर में मलबा फैला है। इसमें किसानों का लगभग 6 लाख रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। इस मामले की शिकायत गोसीखुर्द पवनी के सिंचाई विभाग में की गई है। संबंधितों के खिलाफ सिंचाई विभाग ही उचित कार्रवाई करेगा। (विद्यासागर चव्हाण, तहसीलदार, ब्रह्मपुरी)

इन किसानों ने गंवाई फसल
सीमेंट की नहर टूटने से तोरगांव खुर्द निवासी महेश पिलारे, विनय पारधी, श्रीकृष्ण पारधी, नामदेव बुल्ले, सुनील राऊत समेत अन्य किसानों की धान फसल बर्बाद हो चुकी है। घटना की जानकारी मिलते ही ब्रह्मपुरी के तहसीलदार विद्यासागर चव्हाण, पटवारी मून, आकुलवार, कोतवाल अमित मेश्राम आदि ने घटनास्थल को भेंट दी। खेत जमीन का पंचनामा किया गया। इस वक्त नहर निर्माता खड़तकर कन्स्ट्रक्शन नागपुर का नाम उजागर करते हुए किसानों ने शीघ्र संबंधितों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग उनसे की।

ग्रामीणों में मच गया हड़कंप
तोरगांव खुर्द में  नहर टूटने की खबर मिलते ही  ग्रामीण खेतों की ओर जाने के लिए निकले तो नजारा देखकर उनकी सांसें थम गईं। समूचे खेतों में नहर का पानी भरा हुआ था। धान की फसल डूब चुकी थी। सब कुछ बर्बाद हो चुका था। गांव में इसकी जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया। पूरा गांव बर्बाद फसल और टूटे नहर को देखने के लिए घटनास्थल पर जमा हो गया।

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