13 वर्ष से एक ही विभाग में डटे रहे, प्रमोशन मिला तो फिर उसी विभाग में जाने का आग्रह

13 वर्ष से एक ही विभाग में डटे रहे, प्रमोशन मिला तो फिर उसी विभाग में जाने का आग्रह

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-10 07:30 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। पदोन्नति मिलने के बाद खुशी तो हुई, लेकिन विभाग बदलने पर एतराज है। जिस विभाग में 13 वर्ष से एक टेबल पर कब्जा जमाए रखा, उसी विभाग में नियुक्ति देने का आग्रह मेडिकल के अभिलेखागार विभाग से मूक-बधिर विभाग में पदोन्नति पर भेजे गए एक लिपिक ने प्रशासन से किया है। आखिर उसी विभाग में काम करने का आग्रह करने के पीछे क्या मंशा है, इस बात को लेकर तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। 

असभ्य बर्ताव की अनेक शिकायतें 
शासकीय मेडिकल कॉलेज के अभिलेखागार विभाग में वरिष्ठ लिपिक पद पर वर्ष 2005 से यह कर्मचारी कार्यरत रहा। जब से पद संभाला, तब से एक ही टेबल पर कार्यरत है। अपने-आप को साहब से कम नहीं समझने वाले इस क्लर्क ने स्वतंत्र केबिन भी बनवा ली थी। हालांकि नियम के अनुसार, उसे स्वतंत्र केबिन की मंजूरी नहीं थी। उस पर जन्म-मृत्यु का रिकार्ड रखने की जिम्मेदारी थी। जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र तथा अन्य काम से लोग उसके पास जाते थे। असभ्य बर्ताव की अनेक शिकायतें अधिष्ठाता के पास पहुंची तो एक महीने पूर्व कार्यालय सहायक पद पर पदोन्नति देकर उसे बच्चों के मूक-बधिर विभाग में भेज दिया गया। पदोन्नति मिलने से उसे खुशी तो हुई, लेकिन विभाग बदलने से पारा सातवें अासमान पर चढ़ गया। एतराज जताते हुए, उसी विभाग में रखने का मेडिकल प्रशासन से आग्रह भी कर बैठा। उसके इस आग्रह को ठुकराते हुए अधिष्ठाता ने दो टूक कहा कि यदि पदोन्नति नहीं चाहिए तो लिखित में दो। अधिष्ठाता के कठोरता दिखाने पर आखिरकार उसने मूक-बधिर विभाग में पदभार संभाल लिया। एक महीने से अधिक कालावधि हो गया, लेकिन िवभाग बदलने से उसके मन में जो तूफान उठा है, थमने का नाम नहीं ले रहा है। 

लाड़े के साथ अक्सर टकराव
उसकी जगह लाड़े नाम के कर्मचारी को पदभार सौंपा गया है। जिस विभाग में 13 वर्षों से काम कर रहा था, पदोन्नति के बाद भी उसे छोड़ना नहीं चाहता था। उसे हटाने के लिए शिकायत करने के पीछे लाड़े का हाथ होने का उसे संदेह है। इसे लेकर लाड़े के साथ कई बार टकराव होने की सूत्रों ने जानकारी दी है।  
 

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