सरसंघचालक मोहन भागवत को नोटिस , पथ संचलन में लाठी का प्रदर्शन सुरक्षा के लिए खतरा

सरसंघचालक मोहन भागवत को नोटिस , पथ संचलन में लाठी का प्रदर्शन सुरक्षा के लिए खतरा

Anita Peddulwar
Update: 2018-11-16 06:18 GMT
सरसंघचालक मोहन भागवत को नोटिस , पथ संचलन में लाठी का प्रदर्शन सुरक्षा के लिए खतरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  कोर्ट ने RSS सरसंघचालक डॉ. मोहन भावगत को नोटिस भेजा है। दरअसल राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पथसंचलन में इस्तेमाल की जाने वाली लाठी सुरक्षा के नियमों का उल्लंघन करने वाली है। यह दावा करते हुए मोहनिश जबलपुरे ने जिला व सत्र न्यायालय में याचिका दाखिल की है। इस याचिका पर सुनवाई के बाद  न्यायालय ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

कोतवाली पुलिस को दी सूचना
पुलिस ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पथ संचलन को इस शर्त पर अनुमति दी थी कि पथ संचलन में लाठी का प्रदर्शन और इस्तेमाल नहीं होगा। नियमों का उल्लंघ होने पर संबंधितों पर कार्रवाई की जाएगी, किन्तु सरसंघचालक मोहन भागवत और व्यवस्था प्रमुख अनिल भोकारे ने स्वयंसेवकों को पथ संचलन में लाठी लेकर शामिल होने की सूचना दी थी। यह सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस द्वारा लगाई गई शर्त का उल्लंघन है। यह दावा याचिकाकर्ता मोहनिश जबलपुरे ने किया है। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में सूचना के अधिकार में पुलिस से जानकारी प्राप्त की थी। शुरू में याचिकाकर्ता ने कोतवाली पुलिस को इस संबंध में शिकायत दी थी। प्रमाण के तौर पर साथ में फोटो भी दिए थे। 

पुलिस ने नहीं दिया ध्यान
याचिका में कहा गया कि पुलिस ने याचिकाकर्ता की शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंधित पदाधिकारियों की जांच भी नहीं की, जिस कारण जबलपुरे ने कनिष्ठ न्यायालय में याचिका दाखिल की थी। कनिष्ठ न्यायालय ने यह याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद जिला सत्र न्यायालय में याचिका दाखिल की गई। जबलपुरे ने सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत और संघ के व्यवस्था प्रमुख अनिल भोकारे सहित कोतवाली पुलिस को भी प्रतिवादी बनाया है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों के हाथ में दी गई लाठी पर प्रतिबंध लगाने की मांग याचिकाकर्ता ने की है। 11 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी। 
 

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