दिल्ली में हो रहे आंदोलन के समर्थन में वर्धा के किसानों ने किया निद्रा आंदोलन

दिल्ली में हो रहे आंदोलन के समर्थन में वर्धा के किसानों ने किया निद्रा आंदोलन

Anita Peddulwar
Update: 2020-12-05 14:33 GMT
दिल्ली में हो रहे आंदोलन के समर्थन में वर्धा के किसानों ने किया निद्रा आंदोलन

डिजिटल डेस्क, सेलू(वर्धा) । नए कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में हो रहे आंदोलन के समर्थन और कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर शनिवार को किसान अधिकार अभियान संगठन द्वारा आमगांव टोल नाका के पास निद्रा आंदोलन कर सरकार का विरोध किया गया। 

बता दें कि, पिछले 8 दिनों से दिल्ली में नए कृषि कानून को रद्द करने की मांग को लेकर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र के किसान आंदोलन कर रहे है। सरकार अपनी स्तर पर बातचीत कर रही है किंतु उस बातचीत का असर आंंदोलनकर्ता किसानों पर नहीं हो  रहा है। ऐसे में इस आंदोलन का असर पूरे देश में पड़ रहा है। वर्धा जिले में दो दिन पहले जिलाधिकारी कार्यालय के सामने किसानों के समर्थन और नए कृषि कानून को वापीस लेने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया । 

 शनिवार  को  आमगाव(खडकी) टोल नाका के पास किसान अधिकारी अभियान संगठन द्वारा दिल्ली में चल रहे आंदोलन के समर्थन और नए कृषि कानून रद्द करने की मांग को लेकर निद्रा आंदोलन कर सरकार का निषेध किया गया।  इस आंदोलन में संगठन के प्रफुल कुकडे, विठ्ठल झाडे, प्रशांत बोरीकर, प्रविण पोकले, बालू सोनटक्के, सुनील लोनकर, ईमरान सैय्यद, समाधान पवार, अंबदास जाधव, सचिन लामसोगे समेत अन्य कार्यकार्ता उपस्थित थे। 

एक घंटे तक चला आंदोलन 
शनिवार को आमगाव (खडकी) टोल नाका के पास लगभग 1 घंटे तक निद्रा आंदोलन किया गया। इस आंदोलन के दौरान वाहनों की कतार लगी  रही।

इन गांवों के किसानों ने आंदोलन में लिया हिस्सा
शनिवार की सुबह आमगाव टोल नाका के पास किसान आधिकार अभियान संगठन द्वारा आंदोलन करते समय इस आंदोलन में सिंदी, खडकी, नवरगांव, दहेगाव, खापरी, घोराड़ा समेत आसपास के अन्य गावों के किसानों ने सहभागिता की थी। 

अन्यथा उग्र आंदोलन होगा
केंद्र सरकार ने संसद में पारित किए तीन नए कृषि कानून को जल्द रद्द करना चाहिए। अन्यथा आंदोलन अधिक उग्र किया जायेगा।  - सुदाम पवार, जिलाध्यक्ष, किसान अधिकार अभियान वर्धा 

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