कर्ज पटाने वाले किसानों को भी मिलेगा ऋण माफी का लाभ

कर्ज पटाने वाले किसानों को भी मिलेगा ऋण माफी का लाभ

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-09 07:55 GMT
कर्ज पटाने वाले किसानों को भी मिलेगा ऋण माफी का लाभ

डिजिटल डेस्क, शहडोल। किसानों की कर्ज माफी के लिए सरकार ने गाइडलाइन जारी कर दी है। इसको मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना नाम दिया गया है। योजना के तहत 12 दिसंबर 2018 की स्थिति में किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ किया जाएगा। खास बात यह है कि सिर्फ डिफाल्टर किसानों को ही योजना का लाभ नहीं मिलेगा। बकाया ऋण (रेगुलर आउटस्टैंडिंग लोन) और कालातीत (पुराना) ऋण जमा करने वाले किसान भी योजना के लिए पात्र माने जाएंगे। जिला सरकारी केंद्रीय बैंक से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक संभाग के कुल 64 हजार 435 किसानों का 167 करोड़ रुपए कर्ज बकाया है। इनमें शहडोल जिले के 24135 किसानों का 70 करोड़ रुपए, उमरिया के 25507 किसानों का 69 करोड़ और अनूपपुर जिले के 14793 किसानों का कुल 25 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। इसमें कालातीत और अकालातीत ऋण शामिल है। वहीं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और कुछ राष्ट्रीयकृत बैंकों में भी किसारों का करीब 5 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। कृषि विकास विभाग की ओर से जारी की गई गाइड लाइन के अनुसार एक अप्रैल 2007 अथवा उसके बाद लिए गए ऋण में ही योजना का लाभ मिलेगा। 31 मार्च 2018 की स्थिति में किसान के नियमित ऋण खाते में बैंक द्वारा दिए गए फसल ऋण की बकाया राशि में यह शामिल हो। इसी तरह 31 मार्च की स्थिति में सहकारी बैंकों के लिए कालातीत और अन्य बैंकों के लिए एनपीए घोषित किया गया ऋण भी माफ किया जाएगा।

जमा करने वालों का ध्यान
जिन किसानों ने 31 मार्च की स्थिति तक ऋण की बकाया राशि 12 दिसंबर तक आंशिक या पूर्णत: जमा करा दिए हैं उन्हें भी योजना का लाभ मिलेगा। इसी तरह जिन किसानों ने 31 मार्च की स्थिति में कालातीत ऋण या एनपीए को 12 दिसंबर तक पूर्णत: या आंशिक रूप से पटा दिया है, उन्हें भी योजना का लाभ मिलेगा।

गोल्ड लोन शामिल नहीं
संभाग में निवास करने वाले किसान या जिनकी भूमि संभाग में हो, प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा दिया गया अल्पकालीन ऋण। ऐसे किसान जिनके फसली ऋण को रिजर्व बैंक-नाबार्ड के दिशा निर्देशों के अनुसार प्राकृतिक आपदाओं में होने के कारण पुनर्रचना कर दी गई है। सोना गिरवी रखकर लिया गया कोई भी ऋण योजना में शामिल नहीं है।

इन्हें नहीं मिलेगा लाभ
समस्त आयकर दाता, शासकीय कर्मचारी, निगम, मंडल व अद्र्धशासकीय संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी-कर्मचारी। 15 हजार रुपए प्रतिमाह या उससे अधिक पेंशन प्राप्त करने वाले, जीएसटी में 12 दिसंबर 2018 या उससे पूर्व पंजीकृत व्यक्ति, फर्म या उसके भागीदारों को मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना का लाभ नहीं मिलेगा।

खाते में जाएगी राशि
योजना के तहत पात्र किसानों के फसल ऋण खाते में कर्ज माफी की राशि जमा कराई जाएगी। योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को फसल ऋण खातों मेें आधार नंबर, सीडिंग एवं अभिप्रमाणित कराना आवश्यक होगा। जिन किसानों को खाते आधार लिंक नहीं है वे 15 जनवरी से 5 फरवरी तक लिंक करा सकते हैं। योजना में लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। वहीं सबसे पहले सहकारी बैंक फिर क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और इसके बाद राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज माफ किए जाएंगे।

खातों की सूची जारी होगी
योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले 15 जनवरी से ऋण खातों की सूचियां संबंधित बैंक शाखा के पटल पर और ग्राम पंचायत में प्रदर्शित की जाएंगी। इसके बाद ग्राम पंचायत स्तर पर ऑफलाइन आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। प्रत्येक विकासखंड में जनपद पंचायत के सीईओ योजना के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार होंगे।

जिला स्तरीय क्रियान्वयन समिति
जिला स्तर पर मुख्यमंत्री फसल ऋण माफी योजना के क्रियान्वयन के लिए क्रियान्वयन समिति बनाई गई है। जिले के प्रभारी मंत्री इसके अध्यक्ष होंगे, जबकि कलेक्टर उपाध्यक्ष। इसके अलावा प्रभारी मंत्री द्वारा नामांकित चार जन प्रतिनिधि, अतिरिक्त कलेक्टर, सीईओ जिला पंचायत, उप संचालक उद्यानिकी, उप पंजीयक सहकारी संस्थाएं, अधीक्षक भू अभिलेख, जिला सूचना अधिकारी, जिला विकास प्रबंधक, सीईओ जिला सहकारी केंद्रीय बैंक और एसी ट्रायबल सदस्य होंगे। उप संचालक कृषि समिति के संयोजक और लीड बैंक अधिकारी सहसंयोजक होंगे।

 

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