एम्स भोपाल में 500 मीटर तक प्रदर्शन और लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध

एम्स भोपाल में 500 मीटर तक प्रदर्शन और लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध

Bhaskar Hindi
Update: 2018-10-09 07:59 GMT
एम्स भोपाल में 500 मीटर तक प्रदर्शन और लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। हाईकोर्ट ने भोपाल स्थित आयुर्विज्ञान संस्स्थान (एम्स) के हड़ताली कर्मचारियों को आदेशित किया है कि विरोध-प्रदर्शन के चलते अस्पताल का कामकाज बाधित नहीं होना चाहिए। जस्टिस सुजय पॉल की एकल पीठ एम्स के 500 मीटर के दायरे तक प्रदर्शन, बैठक एवं लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध लगा दिया है। पितृमोक्ष अमावस्या के अवकाश पर सोमवार को विशेष पीठ ने राज्य सरकार और हड़ताली कर्मियों को भी नोटिस जारी कर जवाब देने का निर्देश दिया है।एम्स भोपाल प्रबंधन की ओर से 7 अक्टूबर की शाम हाईकोर्ट की रजिस्ट्री के समक्ष आवेदन पेश किया गया। आवेदन में कहा गया कि 8 अक्टूबर से एम्स एम्पलाईज वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा अस्पताल परिसर में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इसलिए मामले की जल्द से जल्द सुनवाई की जाए। मामले की सुनवाई के लिए जस्टिस सुजय पॉल की विशेष पीठ का गठन किया गया। विशेष पीठ ने सोमवार को सुबह 9.15 बजे से मामले की सुनवाई की। अवकाश के दिन सुनवाइ कर हाईकोर्ट ने हड़ताली कर्मियों और सरकार को दिए निर्देश । गौरतलब है कि शोरगुल के कारण अस्पताल आाने वाल मरीजों  के साथ - साथ अस्पताल के स्टाफ को भी कामकाज में परेशानी हो रही थी।

प्रतिदिन ओपीडी में आते है 25 हजार मरीज
एम्स की ओर से अधिवक्ता शशांक शेखर और समरेश कटारे ने एकल पीठ को बताया कि एम्स की ओपीडी में प्रतिदिन 25 हजार मरीज आते है। एम्स में प्रतिदिन 1500 मरीज भर्ती होते है। सोमवार सुबह 8 बजे से हड़ताली कर्मचारी एम्स परिसर में धरने में बैठ गए है। तकनीकी, नर्सिंग, मिनिस्ट्रियल और प्रशासनिक कर्मचारी भी हड़ताली कर्मियों के साथ है। हड़ताल की वजह से मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। हड़ताली कर्मियों के खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया। राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता पुष्पेन्द्र यादव ने बताया कि हड़ताली कर्मचारियों के
अभ्यावेदन पर उचित निर्णय लिया जाएगा।

 

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