छग में मेडीकल एडमिशन के आरक्षण रोस्टर का मामला हाईकोर्ट पहुंचा

रायपुर छग में मेडीकल एडमिशन के आरक्षण रोस्टर का मामला हाईकोर्ट पहुंचा

Sanjana Namdev
Update: 2022-11-05 04:51 GMT
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डिजिटल डेस्क, रायपुर। मेडीकल शिक्षा में प्रवेश के लिए चिकित्सा शिक्षा संचालक द्वारा बनाए गए आरक्षण रोस्टर का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। चिकित्सा शिक्षा संचालक  ने अजा को 16, अजजा को 20 और ओबीसी को 14 प्रतिशत आरक्षण के मान से रोस्टर बनाया है। आदिवासी समाज के कुछ युवाओं ने इस पर आपत्ति जताते हुए उच्च न्यायालय में तीन अवमानना याचिकाएं दाखिल की हंै। संभवत: सोमवार को उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की अदालत में इसकी सुनवाई हो सकती है लेकिन इससे पहले ही चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने अपने बनाए रोस्टर के मुताबिक आवंटन सूची जारी कर दी है।

 

एक नहीं कई पेंच
आदिवासी याचिकाकर्ताओं के विधिक सलाहकार बी.के. मनीष के अनुसार मेडीकल कोर्सेस में 16-20-14 रोस्टर लागू करने के मामले में उच्च न्यायालय में 31 अक्टूबर को दो गोंड अभ्यर्थियों की रिट पिटीशन और अवमानना याचिका दायर की गई थी। 2 नवंबर को एक अतिरिक्त अवमानना याचिका दायर की गई। इन याचिकाओं में प्रार्थना की गई है कि चूंकि उच्च न्यायालय का फ़ैसला आने से पहले ही मेडीकल पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी थी इसलिए कम से कम 2022 सत्र के लिए 12-32-14 का ही रोस्टर लागू किया जाए। यदि गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी मामले में आए फैसले को तत्काल लागू करना पड़े तो नियमत: पूरा आरक्षण शून्य हो जाना चाहिए। इधर चिकित्सा शिक्षा संचालनालय द्वारा मेडिकल प्रवेश की अलॉटमेंट लिस्ट जारी कर दिए जाने के बाद अब मेडीकल प्रवेश प्रक्रिया के जारी होने के मामले में मिसलेनियम एप्लीकेशन भी उच्चतम न्यायालय में दायर की जा रही है।

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