कोरोना को सरकार की साजिश बताने वाला पहुंचा सलाखों के पीछे
कोरोना को सरकार की साजिश बताने वाला पहुंचा सलाखों के पीछे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना को सरकार की साजिश बताने वाले एक 36 वर्षीय आरोपी को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया है। फेसबुक पर लिखे गए अपने पोस्ट में आरोपी ने दावा किया था कि कोरोना वायरस सरकार की साजिश है और लोगों को अपनी जानकारी अधिकारियों को नहीं देनी चाहिए। आरोपी का यह भी दावा था कि सरकार खास समुदाय के लोगों को निशाना बना रही है। गिरफ्तार आरोपी का नाम शमीम खान है वह कुर्ला के कुरैशी नगर इलाके का रहने वाला है। फेसबुक पर लिखे अपने पोस्ट में खान ने दावा किया था कोरोना वायरस का कोई अस्तित्व ही नहीं है। एक खास समुदाय को निशाना बनाने के लिए यह सरकार द्वारा रची गई साजिश है। खान ने लोगों से अपील की थी कि कोरोना संक्रमण के नाम पर घर आकर पूछताछ करने वाले सरकारी अधिकारियों को जानकारी न दें।
मामले की शिकायत मिलने के बाद चुना भट्टी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 और 505 के साथ-साथ आपदा प्रबंधन कानून की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर उसे रविवार को गिरफ्तार कर लिया। सीनियर इंस्पेक्टर मारुती जाधव ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया गया जहां से उसे जमानत मिल गई।बता दें कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पहले ही चेतावनी दी है कि सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी रविवार तक साइबर पुलिस अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ 85 मामले दर्ज कर चुकी थी।
खुद जानकारी दें तब्लीगी जमात के लोग
मुंबई पुलिस ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में पिछले दिनों आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए तब्लीगी जमात के सदस्यों से अनुरोध किया है कि वे खुद नजदीकी थाने या बीएमसी की हेल्पलाइन नंबर 1916 पर फोन करके अपनी यात्रा से जुड़ी जानकारी मुहैया कराए। मुंबई पुलिस ने ट्वीट कर कहा है कि हम निजामुद्दीन मरकज में तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे कहां-कहां गए थे, इसकी सूचना बीएमसी की हेल्पलाइन 1916 पर मुहैया कराएं और इस महामारी की रोकथाम में हमारा साथ दें। सहयोग न करने वालों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, आपदा प्रबंधन कानून और महामारी कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होगी।
ठगी का नया तरीका, ईएमआई के नाम पर धोखाधड़ी
आरबीआई के निर्देशों मुताबिक बैंकों के लिए ग्राहकों को अगले तीन महीने तक मासिक क़िस्त (ईएमआई ) में छूट देनी जरूरी है। लेकिन साइबर ठगों ने इसे लोगों को चूना लगाने का हथियार बना लिया है। महाराष्ट्र पुलिस को कई ऐसे शिकायतें मिली हैं कि लोगों को किस्त में छूट के लिए एक लिंक साझा की जा रही है और उनसे उनका ओटीपी और पासवर्ड मांगा जा रहा है। साइबर सेल ने लोगों को सावधान किया है कि वह ऐसी कोई जानकारी किसी को ना दें क्योंकि इसके जरिए उनके बैंक खाते से पैसे निकाले जा सकते हैं।