खुद को जीवित सिद्ध करने दर दर भटक रही वृद्धा , बंद हो गई पेंशन

खुद को जीवित सिद्ध करने दर दर भटक रही वृद्धा , बंद हो गई पेंशन

Bhaskar Hindi
Update: 2019-02-02 07:48 GMT
खुद को जीवित सिद्ध करने दर दर भटक रही वृद्धा , बंद हो गई पेंशन

डिजिटल डेस्क, शहडोल। एक वृद्धा अपने जीवित होने का प्रमाण साबित करने के लिए भटक रही है। मामला यह है कि रोजगार सहायक ने अपनी आईडी से उसे मृत घोषित कर दिया। शासकीय रिकार्ड में मृत हो जाने के बाद वृद्धा को मिलने वाले पेंशन बंद हो गई। यह मामला बुढ़ार जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत भमला का है। जहां की निवासी सुकवरिया पठारी ने कलेक्टर सहित सीईओ जनपद व जिला पंचायत को दिए लिखित शिकायत में बंद हो चुकी पेंशन पुन: शुरु कराने के साथ रोजगार सहायक के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की गुहार लगाई है।

लिखित शिकायत में वृद्धा ने आरोपित किया कि रोजगार सहायक विवेक तिवारी अब पोर्टल में नाम दर्ज करने को तैयार नहीं है । महिला ने बताया कि उसे 300 रुपये प्रतिमाह वृद्धावस्था पेंशन मिलती थी। दिसंबर 2018 तक मिली, लेकिन जनवरी 2019 में पेंशन खाते में नहीं पहुंची। जनपद बुढ़ार जाकर पता किया तो पता चला कि सुकबरिया बाई मृत हो चुकी है। वृद्धा के पुत्र लाले सिंह ने जब पंचायत में जाकर रोजगार सहायक से पूछा तो पता चला कि पोर्टल में उसे 1978 मेंं मृत बताया गया है। उसने ऐसा क्यों किया इसके बारे में कुछ बताने की बजाय डांटकर भगा दिया। सवाल उठाए गए हैं कि जब 78 में उसे मृत बताया तो इतने सालों तक पेंशन कैसे मिलती रही। जाहिर है कि रोजगार सहायक ने जानबूझकर दिसंबर माह के एक माह पहले ही अपनी आईडी से महिला को मृत बता दिया।

पेंशन बंद हो जाने से वृद्धा को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। पेंशन कब मिल पाएगी इसको लेकर संशय बना हुआ है, क्योंकि पोर्टल में एक बार नाम हट जाने के बाद उसे जोडने में कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इस मामले में जनपद बुढ़ाई के सीईओ अशोक भारद्वाज ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। आखिर वृद्धा का नाम क्यों कटा और मृत कैसे घोषित किया गया। दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

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