एनएच 43 का किया गया घटिया निर्माण, सरकार ने रोका एजेंसी का 685 लाख रुपए का भुगतान

एनएच 43 का किया गया घटिया निर्माण, सरकार ने रोका एजेंसी का 685 लाख रुपए का भुगतान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-09-19 07:53 GMT
एनएच 43 का किया गया घटिया निर्माण, सरकार ने रोका एजेंसी का 685 लाख रुपए का भुगतान

डिजिटल डेस्क  कटनी। नेशनल हाइवे 7 पर स्थित चाका तिराहा से बड़वारा होकर शहडोल के लिए बनाए जा रहे नेशनल हाइवे 78 (अब नया नंबर 43) के निर्माण में शोल्डर बनाने के दौरान कम चौड़ाई और गहराई पाए जाने के बाद जांच दल ने निर्माण एजेंसी का 685 लाख का भुगतान रोक दिया है। मप्र सड़क विकास निगम लिमिटेड के मुख्य महाप्रबंधक प्रशासन रत्नाकर झा ने अवर सचिव मप्र शासन लोक निर्माण विभाग को जारी पत्र में कहा है कि शिकायत पर मुख्य अभियंता मप्र सड़क विकास निगम के माध्यम से कराई गई जांच में अनेक स्थानों पर शोल्डर की चौडाई और गहराई कम पाई गई है। स्वीकृत मानक के मुताबिक शोल्डर की चौड़ाई 1000 मिमी व गहराई 150 मिमी होनी चाहिए। लेकिन चैनेज क्रमांक 48 में दायीं खुदाई नाप किए जाने पर चौड़ाई 200 मिमी कम और गहराई 30 मिमी पाई गई है। इसके अलावा 63 किलोमीटर की लंबाई में 9.6 किमी लघु एवं मध्यम स्तर की दरारे पाई गई  है। इसमें से सात किलोमीटर की मरम्मत का कार्य ठेकेदार के द्वारा किया गया है। बाकी कार्य शीघ्र पूर्ण करने की चेतावनी दी गई है। इसके अलावा जिन स्थानों पर कांक्रीट में दरार आई है वहां पर निर्माण एजेंसी को अपने खर्चे पर निर्माण का कार्य पूर्ण करना होगा। ऐसा न होने पर रोकी गई 685 लाख की राशि का भुगतान निर्माण एजेंसी को नहीं किया जा सकेगा।

यह है मामला
कटनी से बड़वारा होकर उमरिया तक बनाई जा रही 69 किलोमीटर लंबाई की सीसी रोड की गुणवत्ता से खिलवाड़ व अनियमितताएं किए जाने के संबंध में स्लीमनाबाद धरवारा निवासी समाजसेवी पदमेश गौतम के द्वारा घपलेबाजी के आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री कार्यालय को शिकायत भेजी गई थी। शिकायत दर्ज होने के बाद मप्र सड़क विकास निगम व भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के संयुक्त जांच दल के द्वारा सड़क का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट सौंपी गई। जांच दल ने कुछ स्थानों पर सड़्क के शोल्डर निर्माण में चौड़ाई और गहराई कम पाते हुए प्रतिवेदन सौंपा। जिसके बाद अस्थायी रूप से निर्माण एजेंसी को 685 लाख रुपए का भुगतान रोक दिया गया है।

बदले गए 210 पैनल
नेशनल हाइवे 43 में 69 किलोमीटर की लंबाई की सड़क में जगह-जगह दरार आने के बाद करीब 210 पैनल बदले जा चुके है। बावजूद इसके अनेक स्थानों पर अभी भी सड़क में मरम्मत का कार्य कराया गया है। जांच दल ने मरम्मत के कार्य को अपर्याप्त पाते हुए अभी भी अनेक हिस्सों में मरम्मत कराए जाने की सिफारिश की है। गौरतलब है पिछले ढाई वर्षो से बनाई जा रही सीसी सड़क में अनेक स्थानों पर दरार आने के बाद सड़क विकास निगम के अधिकारियों और निर्माण एजेंसी के द्वारा मरम्मत कार्य पूरी संजीदगी से नहीं कराया गया है। चार दिन पहले मप्र सड़क विकास निगम के प्रबंध संचालक ने एक बार फिर पूरी सड़क का मुआयना कर आवश्यक सुधार कार्य के निर्देश दिए थे।

मुख्य महाप्रबंधक ने की जांच
पदमेश गौतम के द्वारा पीएम और सीएम हाउस में दर्ज कराई गई शिकायत के बाद मुख्य महाप्रबंधक प्रशासन रत्नाकर झा के द्वारा सड़क  का निरीक्षण करते हुए संभागीय प्रबंधक एएन वर्वे, सहायक महाप्रबंधक जुबेर अंसारी, कंसल्टेंट टीम लीडर सुरेंद्र प्रसाद व कलातिया इंजीनियरिंग के प्रोजेक्ट मैनेजर पी वी रघुराम की मौजूदगी में सड़क की गुणवत्ता, शोल्डर की लंबाई चौड़ाई की जांच की। जिसके बाद प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। हालांकि शिकायतकर्ता ने खुद की मौजूदगी न होने पर जांच पर असहमति जताई है।

 

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