शिक्षा विभाग का अफलातून फरमान, रिक्त पदों पर नहीं कोई ध्यान

शिक्षा विभाग का अफलातून फरमान, रिक्त पदों पर नहीं कोई ध्यान

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-28 10:24 GMT
शिक्षा विभाग का अफलातून फरमान, रिक्त पदों पर नहीं कोई ध्यान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विभाग में सभी जिलों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इसे भरना छोड़ कर अन्य जिलों में निजी संस्थाओं के अतिरिक्त शिक्षकों का स्थानीय स्वराज संस्थाओं के स्कूलों में समायोजन किया जा रहा है। शिक्षा विभाग के इस अफलातून फरमान का शिक्षक संगठनों ने तीव्र विरोध किया है। विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ के नागपुर शहर सचिव प्रमोद रेवतकर ने अतिरिक्त शिक्षकों के समायोजन में लेन-देन होने का आरोप  पत्र परिषद में लगाया। रेवतकर ने बताया कि, राज्य के प्रधान सचिव नंद कुमार ने 22 दिसंबर को फरमान जारी कर चंद्रपुर, भंडारा, गोंदिया, वर्धा, गड़चिरोली जिलों के स्थानीय स्वराज संस्था के स्कूलों में रिक्त पद भरने के आदेश दिए गए हैं। 

26 दिसंबर को सरस्वती विद्यालय शंकरपुर में शिक्षकों का समायोजन कैंप लगाया गया। निजी संस्थाएं अतिरिक्त शिक्षकों का समायोजन करने से हाथ खड़े कर रही हैं। स्थानीय स्वराज संस्थाएं विरोध नहीं कर सकतीं, इसका फायदा उठाकर स्थानीय स्वराज संस्थाओं में अतिरक्त शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है। जिले में शिक्षकों के रिक्त पद भरना छोड़ अन्य जिलों में समायोजन किए जाने का विदर्भ माध्यमिक शिक्षक संघ ने कड़ा विरोध किया है। पत्र परिषद में शहर अध्यक्ष विट्ठल जुनघरे, नागपुर ग्रामीण अध्यक्ष अनिल गोतमारे, शहर संगठक तेजराज राजूरकर,  आनंदराव कारेमोरे, संजय वारकर, रमेश काकड़े, अविनाश बढे, मनोहर ढेरे, मनोज बागड़े आदि उपस्थित थे।

विभागीय स्तर पर समायोजन दोषपूर्ण
अतिरिक्त शिक्षकों के विभागीय स्तर पर समायोजन प्रक्रिया को दोषपूर्ण बताते हुए इसे तत्काल रोक लगाने की मांग भाजपा शिक्षक आघाड़ी के अनिल शिवणकर ने शिक्षा विभाग से की है। 
जिले में शिक्षकों के पद रिक्त रहते हुए, अतिरिक्त शिक्षकों का दूसरे जिलों में समायोजन का उन्होंने तीव्र विरोध किया। जिस जिले के अतिरिक्त शिक्षक, उसका उसी जिले में समायोजन करने की मांग शालेय शिक्षण विभाग के अवर सचिव को ज्ञापन सौंपकर की है। उनका कहना है कि, जिले में अनेक निजी और स्थानीय स्वराज संस्थाओं के स्कूलों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इसे नजरअंदाज कर विभागीय स्तर पर समायोजन करना शिक्षकों के साथ अन्याय है। सरकार के इस निर्णय से शिक्षकों में असंतोष व्याप्त है। सरकार से विभागीय स्तर पर अमल में लायी जा रही समायोजन प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाने की उन्होंने मांग की। अन्यथा तीव्र बांदोलन छेड़ने की चेतावनी दी।

Similar News