शुरू नही हो सकी समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी, चुनाव का असर

शुरू नही हो सकी समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी, चुनाव का असर

Bhaskar Hindi
Update: 2018-11-26 07:45 GMT
शुरू नही हो सकी समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी, चुनाव का असर

डिजिटल डेस्क, सीधी। विधानसभा चुनाव में व्यस्तता के चलते समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी पिछड़ती जा रही है। सरकारी  निर्देश के तहत 15 नवंबर से ही धान की खरीदी शुरू हो जानी थी किेंतु अभी तक खरीदी का मुहूर्त नहीं निकल सका है। धान खरीदी के लिये कुल 25 केन्द्र बनाये गये हैं। उल्लेखनीय है कि ग्रामीण क्षेत्रों में धान की कटाई के साथ गहाई का कार्य भी तेजी से चल रहा है। धान की गहाई के बाद अधिकांश किसान अपने घरों में धान जमा करने के बजाय खरीदी केन्द्रों में ले जाकर बिक्री करना चाहते हैं किेंतु यह संभव नही हो पा रहा है। शासन द्वारा दस दिन पहले से ही धान की खरीदी शुरू करने का निर्देश दिया था। लेकिन चुनाव के चक्कर में खरीदी केन्द्रों में धान की खरीदी शुरू नही हो सकी है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिये शुरू में 15 केन्द्र निर्धारित किये गये थे किंतु बाद में फिर से दस केन्द्र बनाये गये। इस तरह कुल 25 खरीदी केन्द्र तो निर्धारित हो चुके हैं पर खरीदी कहीं से भी नहीं हो रही है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में हो रही लेट लतीफी को लेकर संभागायुक्त भी फटकार लगा चुके हैं। संभागायुक्त के फटकार बाद भी जिले में कुछ खास असर नहीं दिख रहा है। समिति प्रबंधक और दूसरे कर्मचारी चुनाव में व्यस्तता का कारण बता रहे हैं तो किसान अपनी उपज को लेकर परेशान दिख रहे हैं।

चुनाव में व्यस्तता
न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिये तिथि निर्धारित हो जाने के बाद भी सेवा सहकारी समिति के प्रबंधक और अन्य कर्मचारी सक्रिय  नही हेा पाये हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर व्यस्तता को वजह बताई जा रही है। हालंाकि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में लेट लतीफी को लेकर रीवा कमिश्नर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं किंतु इसके बाद भी खरीदी शुरू नही हो पाई है। समिति प्रबंधक भले ही चुनाव में व्यस्त न देखे जा रहे हों किंतु बहाना चुनाव का ही बना रहे हैं। दूसरी तरफ धान की कटाई के बाद गहाई कर चुके  किसान विक्रय को लेकर परेशान दिख रहे हैं। धान खरीदी चुनाव बाद ही संभव हो पायेगा।

इनका कहना है
अभी धान की कटाई 70 प्रतिशत तो गहाई 20 प्रतिशत ही हुई है। जिले के किसान 7-8 दिंसबर से ही अपनी उपज लेकर खरीदी केन्द्रों में पहुंचते हैं। किसान अभी गेहूं की बोनी में पूरी तरह से व्यस्त हंै जैसे ही खाली होंगे वैसे ही खरीदी केन्द्रों में पहुंचने लगेंगे। खरीदी की पूरी व्यवस्था है किसान पहुंचेंगे तो उनकी उपज जरूर ली जायेगी। -ज्ञानेन्द्र पाण्डेय, सीईओ केन्द्रीय सहकारी बैंक सीधी।

 

 

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