कपास कीे बीटी 3 प्रजाति के बीज को सरकारी मान्यता नहीं, फिर भी जमकर हो रही बुआई

कपास कीे बीटी 3 प्रजाति के बीज को सरकारी मान्यता नहीं, फिर भी जमकर हो रही बुआई

Anita Peddulwar
Update: 2021-07-24 11:49 GMT
कपास कीे बीटी 3 प्रजाति के बीज को सरकारी मान्यता नहीं, फिर भी जमकर हो रही बुआई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्र सरकार द्वारा मान्यता नहीं मिलने के बाद भी देशभर में बीटी 3 प्रजाति के कपास के बीज की जमकर बुआई हो रही है। जानकारी के अनुसार इस साल देशभर में बीटी 3 के 75 लाख से ज्यादा पैकेट किसानों द्वारा खरीदे गए, वहीं महाराष्ट्र में कपास की बुआई के लिए डेढ़ करोड़ बीज की मांग है, जिसमें से 30 से 40 लाख पैकेट बीटी 3 कॉटन बीज लगाए गए हैं। अकेले नागपुर जिले में 7 लाख पैकेट की मांग है, जिसमें से 1 से डेढ़ लाख पैकेट बीटी 3 बीज के लगाए गए हैं। बीटी 3 बीज को केंद्र सरकार की ओर से मान्यता नहीं मिली है। इसीलिए इसे अनधिकृत बीज भी कहा जाता है। देशभर के किसान पिछले 7 साल से खेतों में बीटी 3 बीज बो रहे हैं और अच्छा उत्पादन भी प्राप्त कर रहे हैं। यही कारण है कि बीटी 3 बीज की मांग लगातार बढ़ती जा रही है।

केंद्र सरकार से मान्यता नहीं
वैज्ञानिकों द्वारा किसी भी बीज के जिन में बदलाव करने के बाद उसे मार्केट में लाने के लिए केंद्र सरकार की जेनेटिक अप्रूवल कमेटी की मान्यता जरूरी होती है, केंद्र सरकार की ओर से बीटी 3 बीज की बिक्री की मान्यता नहीं दी गई है। फिर भी देशभर में धड़ल्ले से बीटी 3 तकनीक का बीज बिक रहा है।

इल्ली के प्रकोप से बचाने लाई बीटी तकनीक
देशभर में कपास पर बोंड इल्ली का प्रकाेप काफी बढ़ गया था। बोंड इल्ली के प्रकोप से फसल को बचाने के लिए बीटी तकनीक लाई गई। इस तकनीक में बीज में जेनेटिक बदलाव किया गया। बोंड इल्ली जब कपास के पौधों के पत्ते खाती तो पौधे की मौत हो जाती थी। इसके बाद अचानक पिंक बोंड इल्ली ने कपास की फसल पर हमला किया। इसके लिए बीटी 2 प्रजाति का बीज बाजार में लाया गया। इल्ली के साथ ही किसानों को फसल के बीच में उगने वाली घास से भी काफी परेशानी होती थी। इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए बीटी 3 तकनीक का बीज तैयार किया गया। बीटी 3 में प्लांट का जिन बदला जाता है। बीटी 3 तकनीक के बीज पर घास सुखाने की दवा तननाशक का असर नहीं होता। तननाशक का छिड़काव करने से फसल भी सुरक्षित रहती है और घास भी मर जाती है। बताया जा रहा है कि यह बीज ट्रायल के लिए कुछ कंपनियों को दिए गए थे, जिन्होंने इसे चुरा लिया और अब चोरी-छिपे इसकी बिक्री कर रहे हैं।

डीलर नहीं बेचते, सीधे किसानों को बेचे जाते हैं बीज
एक बड़ी बीज उत्पादक कंपनी के अधिकारी ने बताया कि सरकारी मान्यता प्राप्त न होने के कारण कृषि बीज विक्रेता बीटी 3 बीज की बिक्री नहीं करते हैं। यदि कोई कृषि केंद्र संचालक इसकी बिक्री करता पकड़ा जाता है, तो उस पर देशद्रोह की धारा लगाई जाती है। इसीलिए कुछ लोग इस बीज की अनधिकृत रूप से सीधे किसानों को बिक्री करते हंै। बीटी 3 बीज का उत्पादन बड़ी मात्रा में गुजरात और तेलंगाना में होता है। वहीं से देशभर में इसकी आपूर्ति की जाती है।
 

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