राज्य सरकार ने हज समिति भंग की, हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती

राज्य सरकार ने हज समिति भंग की, हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती

Anita Peddulwar
Update: 2020-06-24 10:11 GMT
राज्य सरकार ने हज समिति भंग की, हाईकोर्ट में फैसले को चुनौती

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य सरकार द्वारा मौजूदा हज समिति भंग करने के फैसले को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी गई है। सदस्य अनिस खान ने हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की है। उनका आरोप है कि राज्य सरकार ने बगैर कोई पूर्व सूचना दिए या उनका पक्ष सुने समिति भंग कर दी। जबकि समिति के सभी सदस्य अपना कामकाज प्रभावी ढंग से कर रहे थे। इस मामले में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

दरअसल राज्य में मुस्लिम अनुयायियों की हज यात्रा के प्रभावी प्रबंधन के लिए महाराष्ट्र राज्य हज समिति का गठन किया गया है। इसमें 11 सदस्य हैं, जिनमें एक अध्यक्ष भी शामिल है। फरवरी 2019 में हज समिति का गठन किया गया। याचिकाकर्ता के अनुसार फरवरी 2019 में उन्हें महाराष्ट्र राज्य हज कमेटी का सदस्य चुना गया था।  जमाल सिद्दीकी इसके अध्यक्ष चुने गए थे। याचिकाकर्ता ने अपने चयन के बाद समिति की बैठकों में शामिल होना शुरू किया। दावा है कि समिति का कामकाज प्रभावी ढंग से चल रहा था। 10 जून को राज्य सरकार ने नोटिफिकेशन जारी करके हज समिति काे भंग कर दिया। इस संबंध में सदस्यों को पत्र भेज कर सूचना दी गई, तब जाकर सदस्यों को इस बात की जानकारी हुई। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. संग्राम सिरपुरकर ने पक्ष रखा।

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