नकद सहित तिजोरी ही उठा ले गया चोर, पुलिस ने सख्ती बरती तो उगली सच्चाई

नकद सहित तिजोरी ही उठा ले गया चोर, पुलिस ने सख्ती बरती तो उगली सच्चाई

Anita Peddulwar
Update: 2020-02-17 09:43 GMT
नकद सहित तिजोरी ही उठा ले गया चोर, पुलिस ने सख्ती बरती तो उगली सच्चाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। तहसील थानांतर्गत दुकान में हुई चोरी का पर्दाफाश हो गया है। नाबालिग साथी की मदद से आरोपी नौकर ने ही चोरी की घटना को अंजाम दिया था। 8 लाख नकद सहित तिजोरी भी ले गया था। नौकर को गिरफ्तार किया गया है,जबकि नाबालिग को हिरासत में लिया गया है।  शांति नगर निवासी व्यापारी बरहानुद्दीन हसन शाकिर (39) की सीए रोड स्थित दोसर भवन चौक में सैफी मशीन टूल्स नाम से दुकान है।

वैष्णोदेवी नगर निवासी नौकर संकेत किशोर नौकरकर (19) गत 11 और 12 फरवरी 2020 की दरमियानी रात में कक्षा 12 में पढ़ने वाले अपने नाबालिग मित्र के साथ दुकान में गया। मोटरसाइकिल से दुकान के शटर का एक ताला खोला। भीतर जाने के बाद दोनों ने तिजोरी खोलने का प्रयास किया, लेकिन तिजोरी खोलने में सफल नहीं हाेने पर मित्र की मदद से संकेत तिजोरी ही उठाकर ले गया था। तिजोरी में आठ लाख रुपए की नकदी थी।

घटित प्रकरण से करीब चार-पांच दिन पहले से दुकान में नकदी रखी हुई थी। घटना के दूसरे दिन बरहानुद्दीन को यह नकदी किसी को देनी थी। इस बात की जानकारी संकेत को थी। जिससे नकदी किसी को देने के एक दिन पहले ही दरमियानी रात में संकेत ने उसे उड़ा लिया था। लाखों रुपए की नकदी चोरी होने से पुलिस महकमे में भी हड़कंप मचा हुआ था। घटना को लेकर संकेत समेत अन्य लोगों से पूछताछ हुई, लेकिन संकेत के बार-बार बयान बदलने से और घटना की रात उसके मोबाइल का लोकेश दुकान के पास का मिलने से वह पुलिस के नजर में चढ़ चुका था।

शुरुआती दौर में तो वह टालमटोल करता था, लेकिन जब पुलिस ने सख्ती बरती तो उसने नाबालिग मित्र के साथ चोरी करने की बात कबूल की। उसके कब्जे से चोरी हुई नकदी भी जब्त की गई है। इस बीच रविवार को अवकाशकालीन अदालत में पेश कर उसे जेल तथा नाबालिग को सुधारगृह में भेजा गया है। उपायुक्त राहुल माखनीकर, निरीक्षक अजयकुमार मालवीय के मार्गदर्शन में सहायक निरीक्षक स्वप्निल वाघ, राठोड़, समीर शेख, लक्ष्मण शेंडे, नजीर शेख, संदीप पाटील आदि ने कार्रवाई की है।

जुआरी है आरोपी 
आरोपी संकेत को पूर्व का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है। उसे जुआ खेलने का शौक है, लेकिन चोरी की नकदी उसने जुआ खेलने में भी खर्च नहीं की है। संभवत: चोरी करने के बाद उसे खुद के पकड़े जाने का डर सता रहा था। िजससे उसने नकदी खर्च नहीं की थी। 

 

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