कोरोना को लेकर महाराष्ट्र की गलत तस्वीर दिखाई जा रहीः फडणवीस

कोरोना को लेकर महाराष्ट्र की गलत तस्वीर दिखाई जा रहीः फडणवीस

Anita Peddulwar
Update: 2021-05-15 13:19 GMT
कोरोना को लेकर महाराष्ट्र की गलत तस्वीर दिखाई जा रहीः फडणवीस

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राष्ट्रवादी कांग्रेस अध्यक्ष शरद पवार सहित देश के विपक्षी नेताओं द्वारा लिखे पत्र का पूर्व मुख्यमंत्री व विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने जवाब दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में फडणवीस ने कहा है कि कोरोना को लेकर देश को महाराष्ट्र की गलत तस्वीर पेश की जा रही है। पत्र में फडणवीस ने महाराष्ट्र में कोरोना की स्थिति का जिक्र करते हुए सवाल उठाया है कि क्या इसे ही महाराष्ट्र मॉडल कहेंगे और देश को इसे स्वीकार करना चाहिए? 

कांग्रेस अध्यक्ष को भेजे पत्र में फडणवीस ने कहा कि महामारी को लेकर संपूर्ण देश की स्थिति पर विचार करे तो महाराष्ट्र की स्थिति को कतई नजरअदांज नहीं किया जा सकता। अकेले महाराष्ट्र में 14 फीसदी कोरोना के सक्रिय मरीज हैं। फडणवीस ने कहा कि अगर हम 13 मई 2021 की बात करें तो देश के कुल कोरोना संक्रमण में महाराष्ट्र का प्रमाण 22 फीसदी है, जो कई महीनों तक 30 प्रतिशत से अधिक रहा। देश की कुल मौतों में महाराष्ट्र का प्रतिशत आज भी 31 फीसदी के करीब है। अगर सक्रिय रोगियों की बात करें तो अकेले महाराष्ट्र में 14 प्रतिशत रोगी है।  

भाजपा नेता ने कहा कि कई नेताओं का एकमात्र काम मोदी पर टिप्पणी करना है। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पूरी ताकत के साथ महाराष्ट्र की जनता के साथ खड़ी है। देश भर में जो भी राहत और सहायता उपलब्ध कराई गई, उसमें महाराष्ट्र को सबसे ज्यादा मदद मिली है। महाराष्ट्र को 1.80 करोड़ वैक्सीन दी गई। 8 लाख से अधिक रेमडेसिवर इंजेक्शन महाराष्ट्र को मिले। अगर ऑक्सीजन की बात करें तो करीब 1750 मीट्रिक टन ऑक्सीजन महाराष्ट्र को भेजी गई। वेटिंलेटर्स तथा ऑक्सीजन कांस्ट्रेटर भी बड़े पैमाने पर दिए गए हैं। यह बात अलग है कि नाकामी छुपाने के लिए कई नेता मोदी सरकार पर टिप्पणी करने को ही अपना अंतिम लक्ष्य समझते हैं।

मौतों को छिपाना ही महाराष्ट्र मॉडल है?
अपने पत्र में फडणवीसने कहा कि प्रदेश सरकार और मीडिया का एक वर्ग मुंबई को ही महाराष्ट्र समझने की भूल करता है, परंतु मुंबई की स्थिति देखें तो यहां भी टेस्ट की कमी, कम टेस्ट में भी रैपिड एंटीजन टेस्ट को बहुतायत में करके एक नया मॉडल बनाया जा रहा है। कोरोना के कारण होने वाली मौतों को भी छुपाने का काम किया जा रहा है। डेथ डयू टू अदर रीजन श्रेणी में महाराष्ट्र के अन्य जिलों को मिलाकर 0.8 प्रतिशत मौते दर्ज की गई हैं, वहीं मात्र मुंबई में यह 40 प्रतिशत है। हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि इन मौतों को छुपाया जाए। मुंबई में सलाना होने वाली मौतें औसतन 88000 के आसपास हैं, लेकिन 2020 में इसमें 20719 की वृद्धि हुई है। इसमें से कोरोना के कारण बताई गई 11116 मौतें शामिल हैं। 2020में 9603 कोरोना मौतें छुपाई गई। यहीं क्रम इस वर्ष भी जारी है। क्या इतने बड़े पैमाने पर मौतों को छिपाना ही महाराष्ट्र मॉडल है?

विदर्भ-मराठावाडा की स्थिति भयावह
विपक्ष के नेता ने कहा कि देश में हर रोज 4000 मौतें रिकॉर्ड हो रही है, इसमें से850 मौतें केवल महाराष्ट्र में हो रही हैं। इसका मतलब 22 फीसदी मौंते केवल महाराष्ट्र में हो रही हैं। इसके बावजूद सरकार मात्र अपनी वाहवाही करने में व्यस्त है। महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी सरकार ने मराठवाडा, विदर्भ, उत्तर महाराष्ट्र जैसे क्षेत्रों को भगवान भरोसे छोड़ दिया है। वहां कोई मदद नहीं दी जा रही है। ग्रामीण इलाकों में न तो अस्पताल और न ही बेड उपलब्ध है।

यह पब्लिक है, ये सब जानती है
फड़नवीस ने कहा कि राजनीति में और नकारात्मक भाव पैदा करने से कुछ नहीं होगा। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों को आज पूरा विश्व देख रहा है और सराहना भी कर रहा है। यही कारण है कि इस महामारी में पूरा विश्व, भारत के साथ खड़े होकर हरसंभव मदद कर रहा है। मुझे इस बात पर आश्चर्य है कि भारतीय वैक्सीन को सिरे से नकारने वाली आपकी कांग्रेस पार्टी एवं आपके मुख्यमंत्रीगण अब वैक्सीन पर राजनीति कर रहे हैं। मुझे खुशी है कि पहले विरोध करने के बाद अब भारतीय वैक्सीन की शक्ति पर आपका स्वयं तथा आपकी पार्टी का विश्वास बढ़ रहा है। अपेक्षा है कि इस संकट की घड़ी में आपकी पार्टी कोरी राजनीति छोड़कर रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी। बाकी तो यह सर्वविदित है कि यह पब्लिक है, ये सब जानती है। 


 

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