4 दिन से बिजली न आने से फांसी पर झूला युवक, रस्सी टूटने से बची जान

4 दिन से बिजली न आने से फांसी पर झूला युवक, रस्सी टूटने से बची जान

Bhaskar Hindi
Update: 2018-12-06 08:26 GMT
4 दिन से बिजली न आने से फांसी पर झूला युवक, रस्सी टूटने से बची जान

डिजिटल डेस्क, सतना। कमजोर आय वर्ग के लोगों की आजीविका पर चोट पड़ने से वे किस तरह हताश होकर अपनी जान देने पर आमादा हो जाते हैं इसका ज्वलंत उदाहरण कल यहां देखने को मिला । घटना के अनुसार सभापुर थाना अंतर्गत युवक ने फांसी पर लटककर जान देने की कोशिश की, गनीमत यह थी कि रस्सी टूट गई और अधेड़ अचेत अवस्था में नीचे गिर गया। इसकी सूचना पुलिस को दी गई। आनन-फानन पुलिस मौके पर पहुंच गई। गांव वालों की मदद से युवक को बिरसिंहपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती कराया। डॉक्टरों के मुताबिक युवक की हालत अब खतरे से बाहर है।

4 दिन से बंद थी चक्की
जानकारी के मुताबिक सभापुर थाना अंतर्गत बडख़ेरा निवासी जुगुल किशोर डोहर पिता दीनबंधु डोहर 38 वर्ष घर में ही चक्की चलाकर परिवार जनों का भरण पोषण करता है। परिजन के मुताबिक गांव में पिछले 4 दिनों से लाइट नहीं थी। जुगुल किशोर ने इसकी शिकायत बिजली विभाग के अधिकारियों से की, लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं था। लिहाजा जुगुल बुधवार को सुबह तकरीबन 11 बजे अपने कमरे में गया और पंखे में फांसी का फंदा डालकर झूल गया। अच्छी बात तो यह है कि जिस रस्सी से फंदा बनाया गया था वह कमजोर थी। रस्सी टूट गई और जुगुल किशोर नीचे गिर गया। गिरने की आवाज सुनकर परिजन फौरन कमरे की ओर भागे, देखा तो जुगुल अचेत पड़ा था। उसे फौरन बिरसिंहपुर अस्पताल पहुंचाया गया। जहां भर्ती कर डॉ. रुपेश सोनी ने इलाज किया।

बकाया था 2 हजार बिल
परिजन ने इस मामले की सूचना पुलिस को दी। लिहाजा पुलिस ने जुगुल से पूछतांछ की। उसने पुलिस को बताया कि चक्की का 2 हजार रुपए से अधिक बिल बकाया है और लाइट भी नहीं रहती, इसी बात से परेशान होकर उसने फांसी पर लटककर जान देने की कोशिश की। पुलिस ने उसे समझाइश देकर दोबारा इस प्रकार कदम नहीं उठाने की हिदायत दी है।

 

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