उनके अधिकार अलग, लेकिन वे चला रहे मर्जी
नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री ने साधा निशाना उनके अधिकार अलग, लेकिन वे चला रहे मर्जी
डिजिटल डेस्क,औरंगाबाद। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश के संविधान ने चुनिंदा अधिकार छोड़ दिए जाए, तो केंद्र को सार्वभौमत्व की ताकत और राज्य सरकार को अधिकार दिए हैं। अपने अधिकाराें पर आंच या गुलामगिरी का समय तो नहीं आ रहा इस बारे में विधि विशेषज्ञों ने मागदर्शन करना चाहिए। स्वाधीनता का अर्थ विस्तारपूर्वक बताना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि वे जो पद पर विराजमान हैं, उनके अधिकार अलग हैं, लेकिन वह अधिकारांे का उपयोग करने के बजाए अपनी मर्जी चला रहे हैं। पद के अधिकार समझने का सुझाव देते हुए उम्मीद जताई कि संविधान के दायरे में रहकर उन्होंने कार्य किया, तो देश, समाज अपराध मुक्त होने में मदद मिलेगी।
औरंगाबाद खंडपीठ की अनेक्चर बिल्डिंग के उद्घाटन के अवसर पर मुख्यमंत्री ठाकरे ने केंद्र सरकार को देश में अमृत महोत्सडव मनाने के बजाए स्वाधीनता का अमृत मंथन करने की नसीहत भी दी। उनका कहना रहा कि संविधान के दायरे में रहकर हमने कार्य किया, तो देश, संस्कृति और अपने संस्कार का समूचा विश्व संज्ञान लेगा और वही दिन असली में अमृत महोत्सव साबित होगा। केंद्र को अमृत महोत्सव के बजाए अमृत मंथन मनाने का सुझाव भी उन्होंने दिया।
कार्यक्रम में केंद्रीय विधि व न्याय मंत्री किरन रिजिजू ने इमारत का भूमिपूजन तत्कालीन मुख्यकमंत्री देवंद्र फडणवीस ने करने का जिक्र करने पर ठाकरे ने कहा कि एक अप्रतिम न्याययमंदीर का जनार्पण हाे रहा है। इमारत का भूमिपूजन करने मैं नहीं था, लेकिन झंडा लहराने वे अवश्य आए हैं। औरंगाबाद खंडपीठ की इमारत इतनी आकर्षक बनी है कि लाेग देखने के लिए आने चाहिए। ब्रिटिशांे द्वारा बनाइ गई बॉम्बे हाईकोर्ट की इमारत हेरिटेज वॉक के रूप में देखने लोग आते हैं। बॉम्बे हाईकोर्ट की इमारत का काम शीघ्र शुरू करने का वचन देकर मुख्यमंत्री ने इमारत के भूमिपूजन के लिए भारत के सर न्यायामूर्ति वीएन रमण््णा को आमंत्रण भी दिया।
न्यायालय का आदर, लेकिन तारीख पर तारीख से आम आदमी पीड़ित
मुख्यमंत्री ठाकरे ने कहा कि उन्हें न्या यालय को लेकर पूरा आदर है, लेकिन तारीख पे तारीख से जनसामान्य पीड़ित हैं। न्यायालय के न्यायदान में गति लाने के लिए सरकार के रूप में जो करना संभव है वह सभी करने का वचन भी ठाकरे ने दिया। न्यायदान यह न्यायालय की नहीं सभी जिम्मेदारी है। विश्व के सबसे बड़े जनतंत्र में एक भारत का जनतंत्र है। कार्यकारी तंत्र, न्याय मंडल, कानून मंडल आैर प्रसार माध्यम आदि जनतंत्र के गोवर्धन पेलने वाले स्तंभ हैं। इसमें से एक भी गिरा तो पूरे जनतंत्र का छप्पर गिरने की बात भी मुख्येमंत्री ने कही।
पुलिस थाने समीप निवास
मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून व सुरक्षा के लिए गावों में नए पुलिस थानों का निर्माण किया जा रहा है। इसका आरंभ हाल ही में अमरावती से किया गया। अमरावती के अचलपुर में नए पुलिस थाने का जनार्पण किया गया। पुलिस को आने-जाने में तकलीफ नहीं हो इस लिए थाने के बाजू पुलिसों का निवास निर्माण किया जा रहा है। कई पुलिस हवलदार यह हवलदार के रूप में सेवानिवृत्त होते थे। इसके आगे हवलदार अब पुलिस उपनिरीक्षक के रूप में सेवानिवृत्त होेगें। इसका लाभ करीब डेढ़ लाख पुलिस को होने की बात भी मुख्यीमंत्री ने कही।
नागपुर में बनाएंगे डीएनए लैब
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में डीएनए जाचं करने दो लैब एक देहरादून आैर एक हैदराबाद में थीं,लेकिन देश में तीसरी लैब अब नागपुर में बनेगी। इस लैब के चलते राज्य को बड़ा लाभ होगा। हाल ही में राज्य में तीन फौरेन्सिक लैब का उद्घाटन करने की बात भी मुख्यरमंत्री ने कही।
बेघर महिलाओं को घर
श्री ठाकरे ने महिलाओं पर हिंसा का शिकार होने की घटनाओं में वृद्धि होने का जिक्र करते हुए कहा कि उनके लिए मुंबई में आशियाना देने का आश्वासन भी उन्होंनें दिया।
फरियादी गायब, फिर भी चल रहा प्रकरण
मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीरसिंह का नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा फरियादी गायब है, लेकिन हमारा प्रकरण चल रहा है। उनका कहना था कि अपराध नहीं हो इसलिए प्रयास करना चाहिए। कोर्ट खाली होने चाहिए। समाज इतना सुधारना चाहिए कि अपराधी वृत्ति ही मिट जानी चाहिए। इसके लिए कार्यकारी तंत्र, न्याय मंडल, कानून मंडल आैर प्रसार माध्यम चारों स्तभों को एकत्रित होकर विचार करने की आवश्यकता पर भी उन्होंने बल दिया। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीरसिंह का नाम लिए उन्होंने कहा कि हमारा फरियादी गायब है, लेकिन हमारा प्रकरण चल रहा है।