गोरेवाड़ा में आग लगी नहीं, लगाई गई थी

जांच जारी गोरेवाड़ा में आग लगी नहीं, लगाई गई थी

Anita Peddulwar
Update: 2022-05-24 12:35 GMT
गोरेवाड़ा में आग लगी नहीं, लगाई गई थी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रविवार की दोपहर में गोरेवाड़ा जंगल में लगी आग ने 150 हेक्टेयर जंगल खाक कर दी। पहले दिन आग का कारण कुदरती समझा जा रहा था, लेकिन सोमवार को हुए निरीक्षण में आग मानवी गलती मानी जा रही है। अधिकारियों की मानें तो सुरक्षा दीवार के पास शरारती तत्वों द्वारा आग लगाई गई थी। यह आग जंगल के भीतर तक पहुंच गई थी। फॉरेस्ट की टीम जांच कर रही है। अधिकारियों की मानें तो अभी तक आग से किसी वन्यजीव के मरने की  बात सामने नहीं आई है, लेकिन इतने बड़े क्षेत्र में आग लगने से वन्यजीव की मौत की बात से साफ तौर पर इनकार भी नहीं किया जा सकता है। खाक हुए परिसर की पूरी जांच के बाद सच्चाई सामने आएगी। 

ऑफिसर जांच कर रहे 
आग लगने का कारण कुदरती नहीं है। किसी ने सुरक्षा दीवार के पास आग लगाई थी, जो जंगल में फैली। इसकी जांच हमारे ऑफिसर कर रहे हैं।  आग में किसी वन्यजीव की मौत तो नहीं हुई, इसका पता लगाया जा रहा है।  -एस. भागवत, डीएम, गोरेवाड़ा प्रकल्प नागपुर

नुकसान का आकलन बाकी 
गोरेवाड़ा परिसर 19 सौ से ज्यादा हेक्टेयर में फैला है। यहां तेंदुए की मौजूदगी है। शाकाहारी वन्यजीवों की भी भरमार है। जंगल क्षेत्र को सामान्य लोगों के पहुंच से दूर रखने के लिए बड़ी सुरक्षा दीवार भी बना रखी है। बावजूद इसके आग लगने की घटनाएं होती रहती हैं। ज्यादातर घटनाएं मानवी गलतियों की वजह से होती हैं। रविवार की दोपहर में हुई घटना भी मानवी गलती का ही नतीजा है। अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, आग जंगल के भीतर नहीं लगी थी। पहले इसे सुरक्षा दीवार के बाहर लगाई गई थी। तेज हवा के कारण चिंगारी सुरक्षा दीवार की दूसरी तरफ उड़ी और देखते ही देखते आग धधक उठी। इससे 150 हेक्टेयर से ज्यादा जंगल जल गया है। हालांकि 5 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर नियंत्रण पा लिया गया। नुकसान का आकलन अभी बाकी है। 

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