इस बार शरद पूर्णिमा पर है 5 शुभ योग, सर्वार्थसिद्धि और लक्ष्मी योग का मिलेगा विशेष फल

इस बार शरद पूर्णिमा पर है 5 शुभ योग, सर्वार्थसिद्धि और लक्ष्मी योग का मिलेगा विशेष फल

Anita Peddulwar
Update: 2020-10-29 07:49 GMT
इस बार शरद पूर्णिमा पर है 5 शुभ योग, सर्वार्थसिद्धि और लक्ष्मी योग का मिलेगा विशेष फल

डिजिटल डेस्क,नागपुर । शुक्रवार, 30 अक्टूबर को शरद ऋतु में आने वाली अश्विन महीने की पूर्णिमा है। इसलिए इस दिन शरद पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। माना जाता है समुद्र मंथन के दौरान शरद पूर्णिमा पर ही देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थी। इसलिए इसे लक्ष्मीजी के प्राकट्य दिवस के रूप में भी मनाया जाता है और इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा भी की जाती है। इस बार शुक्रवार को शरद पूर्णिमा का योग बन रहा है। ज्योतिषाचार्य पं. गणेश मिश्र का कहना है कि 7 साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है। इससे पहले 18 अक्टूबर 2013 में शुक्रवार को ये पर्व मनाया गया था। अब 13 साल बाद यानी 7 अक्टूबर 2033 को ये संयोग बनेगा। शुक्रवार को पूर्णिमा के होने से इसका शुभ फल और बढ़ जाएगा। साथ ही इस बार शरद पूर्णिमा का चंद्रोदय सर्वार्थसिद्धि और लक्ष्मी योग में हो रहा है, जिससे इस दिन लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व रहेगा।

 31 को व्रत और स्नान-दान
ज्योतिषाचार्य पं. मिश्र बताते हैं कि देशभर के महत्वपूर्ण पंचांगों के मुताबिक, अश्विन महीने की पूर्णिमा तिथि 30 अक्टूबर को शाम करीब पौने 6 बजे से शुरू हो जाएगी और रातभर पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसलिए शुक्रवार की रात को शरद पूर्णिमा पर्व मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि अगले दिन यानी 31 अक्टूबर को पूरे दिन रहेगी और रात को करीब 8 बजे खत्म हो जाएगी। इसलिए शनिवार को पूर्णिमा व्रत, पूजा, तीर्थ स्नान और दान किया जाना चाहिए।

बन रहा सर्वार्थसिद्धि योग
इस साल शरद पूर्णिमा के चंद्रमा का उदय 5 शुभ योगों में होगा। जिनके प्रभाव से अच्छी सेहत और धन लाभ होगा। पं. मिश्र बताते हैं कि पूर्णिमा पर तिथि, वार और नक्षत्र से मिलकर सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है। इस योग में किए गए सभी काम सिद्ध होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही लक्ष्मी, शंख, महाभाग्य और शश नाम के 4 राजयोग योग बनने से ये दिन और भी खास रहेगा। इस पर्व पर बृहस्पति और शनि का अपनी-अपनी राशियों में होना भी शुभ संयोग है।


 

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