पर्यटक ले सकेंगे जंगल सफारी का मजा, ऑफलाइन बुकिंग ‘पहले आओ, पहले पाओ’

 पर्यटक ले सकेंगे जंगल सफारी का मजा, ऑफलाइन बुकिंग ‘पहले आओ, पहले पाओ’

Tejinder Singh
Update: 2018-07-15 11:37 GMT
 पर्यटक ले सकेंगे जंगल सफारी का मजा, ऑफलाइन बुकिंग ‘पहले आओ, पहले पाओ’

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अधिकांश अभारण्य की जंगल सफारी बारिश में बंद रखी जाती है। 4 माह तक कीचड़, खराब रास्ते आदि कारणों से  पर्यटक जंगल सफारी का लुत्फ नहीं ले पाते थे, लेकिन इस बार पेंच और उमरेड-पवनी-करांडला में मानसून में भी जंगल सफारी का मजा लेने का मौका मिलेगा। ऑफलाइन ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की तर्ज पर बुकिंग की जाएगी।

सुरेवानी (नागलवाड़ी, पेंच बफर), करांडला गेट (उमरेड-पवनी-करांडला अभारण्य) प्रवेश द्वार रहेगा। सोमवार को प्रवेश पूरी तरह बंद रखा जाएगा।  विदर्भ में कई जंगल क्षेत्र हैं, जिसमें पेंच व्याघ्र प्रकल्प, बोर व्याघ्र प्रकल्प, उमरेड-पवनी करांडला अभारण्य व टिपेश्वर अभारण्य आदि का सामावेश हैं। यहां हर साल मुख्यत: ग्रीष्म में पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।

जंगल क्षेत्र का अनुभव व इनके बीच वन्यजीवों की उपस्थिति हर किसी के लिए रोमांच का कारण रहती है। ऑनलाइन बुकिंग कर देशभर से पर्यटक यहां पहुंचते हैं और जंगल सफारी का लुत्फ उठाते हैं। इस वर्ष भी मार्च माह से काफी अधिक पर्यटकों ने यहां दस्तक दी है।  जंगल की सैर करने के लिए बनायी गईं सड़कें पूरी तरह से कच्ची यानी मिट्टी से बनी हैं। ऐसे में बारिश के बाद यहां काफी कीचड़ हो जाता है।

परिणामस्वरूप जीप या अन्य वाहन यहां कीचड़ में फंस जाते है, जो पर्यटकों के लिए परेशानी के साथ घातक भी साबित हो सकता है। इन बातों को ध्यान में रखते हुए मानसून में ज्यादा समय तक यहां की सैर बंद की जाती है। हर बार जून माह के बाद यह सैर बंद की जाती है, जो अक्तूबर तक नहीं खुलती है, लेकिन इस बार मानसून में भी पर्यटकों को पेंच व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत जंगल सफारी का मजा लेने का मौका मिलेगा।

पर्यटकों के सैर करने का वक्त सुबह 6.30 से 8.30 बजे तक रहेगा। सुबह 10.30 बजे पर्यटक प्रकल्प के बाहर आएंगे। दोपहर को 2 बजे से 3.30 बजे तक प्रवेश दिया जाएगा। यह सैर सड़कों की सुरक्षा को देखने के बाद ही की जाएगी। ज्यादा बारिश, प्राकृतिक आपदा के कारण अचानक सैर रद्द करने का अधिकार संबंधित कर्मचारियों के पास रहेगा। इसके अलावा जो पर्यटकों यहां रहना चाहेंगे, वे पेंच व्याघ्र प्रकल्प के सिल्लारी पर्यटन संकुल में किराया अदा कर रह सकेंगे। 

Similar News