जिनके एजेंडे में अयोध्या, काशी, मथुरा नहीं, वह हिंदुओं के एजेंडे में नहीं

प्रवीण तोगड़िया ने साधा निशाना जिनके एजेंडे में अयोध्या, काशी, मथुरा नहीं, वह हिंदुओं के एजेंडे में नहीं

Anita Peddulwar
Update: 2021-08-27 07:53 GMT
जिनके एजेंडे में अयोध्या, काशी, मथुरा नहीं, वह हिंदुओं के एजेंडे में नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के प्रमुख प्रवीण तोगड़िया ने जोर देकर कहा है कि अयोध्या में मंदिर निर्माण आंदोलन के साथ ही काशी व मथुरा में हिंदू आराध्यों की जन्मस्थली की मुक्ति का प्रस्ताव तैयार किया गया था। मंदिर निर्माण का आंदोलन तैयार करने संबंधी दिल्ली में हुई सबसे पहली बैठक में ही सब कुछ तय हो गया था, लेकिन अब काशी, मथुरा की मुक्ति की बात नहीं हो रही है। तोगड़िया ने यह भी कहा कि जिनके एजेंडे में अयोध्या, काशी व मथुरा नहीं, वह संस्था हिंदुओं के एजेंडे में नहीं हो सकती है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व भाजपा को प्रस्ताव का स्मरण कराते हुए उन्होंने कहा कि 1984 से 2014 तक कभी काशी, मथुरा को अयोध्या आंदोलन से अलग नहीं कहा गया। सत्ता में आने के पहले काशी को नहीं भूले थे। संगठन कार्यकर्ताओं से संवाद के सिलसिल में शहर में पहुंचे तोगड़िया ने दैनिक भास्कर से विशेष चर्चा की। उन्होंने राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय विषयों पर बेबाक मत व्यक्त किया।

तालिबान का केंद्र भारत में 
अफगानिस्तान में कब्जे को लेकर तालिबान चर्चा में है। अफगानिस्तान की बेबसी पर चर्चा हो रही है, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि तालिबान का केंद्र अफगान या पाकिस्तान नहीं, बल्कि भारत में है। उत्तरप्रदेश के सहारनपुर जैसे शहरों में तालिबान विचार के प्रशिक्षण की जानकारी छिपी नहीं है। वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला या अफगानिस्तान पर कब्जा करने वाले तालिबानियों की संख्या तो भारत के तालिबानी विचारकों से कम है। यहां 7 करोड़ तब्लीगी हैं। वे कभी भी खतरा साबित हो सकते हैं। सरकार को चाहिए कि भारत में रह रहे अफगान के मुस्लिमों को तत्काल बाहर कराए। फ्रांस में तालिबानी विचारकों की हिंसा से सबक लिया जाना चाहिए। भारत सरकार और खासकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तालिबान के मामले में भूमिका स्पष्ट करें।

मुस्लिम जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाएं
भारत में जनसंख्या नियंत्रण के लिए समान पैमाना नहीं है। हिंदुओं की संख्या कम हो रही है। स्वतंत्रता के समय हिंदुओं की संख्या 87 करोड़ थी, अब 78 करोड़ है। हिंदू समाज अल्पसंख्यक होते जा रहा है। 

गोहत्या नियंत्रण कानून
 गोहत्या नियंत्रण कानून बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के गोलवलकर गुरुजी ने आंदोलन किया था। उनके आंदोलन में शामिल सैकड़ों साधु-संतों को पुलिस की गोली का सामना करना पड़ा। अब संघ के स्वयंसेवक केंद्र सरकार की सत्ता संभाल रहे हैं। वे तत्काल गोहत्या नियंत्रण कानून बनाएं। केंद्र सरकार व भाजपा ने कश्मीर से धारा 370 हटाने व अयोध्या में मंदिर निर्माण का माहौल बनाने में योगदान दिया है। हालांकि मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाने के वादे को भाजपा ने पूरा नहीं किया था। उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर मंदिर निर्माण हो रहा है। केंद्र सरकार ने जो कार्य किए हैं वे छोटे हैं, अभी बड़े कार्य बाकी हैं।

जॉबलेस अर्थव्यवस्था
फिलहाल देश में जॉबलेस अर्थव्यवस्था चल रही है। जीडीपी अर्थात सकल घरेलू उत्पाद व टैक्स तो बढ़ रहे हैं, लेकिन राेजगार नहीं हैं। रोजगार छीने जा रहे हैं। राेजगार के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। राष्ट्रीय मजदूर परिषद, किसान परिषद व छात्रपरिषद के माध्यम से सरकार पर दबाव की नीति पर काम चल रहा है। 

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