मुंबई कूच करेंगे विदर्भ-मराठवाड़ा के किसान, सरकार के खिलाफ मनसे का भी मोर्चा

मुंबई कूच करेंगे विदर्भ-मराठवाड़ा के किसान, सरकार के खिलाफ मनसे का भी मोर्चा

Tejinder Singh
Update: 2018-11-14 14:58 GMT
मुंबई कूच करेंगे विदर्भ-मराठवाड़ा के किसान, सरकार के खिलाफ मनसे का भी मोर्चा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। विदर्भ, मराठवाडा और उत्तर महाराष्ट्र के तीन जिलों के किसान और आदिवासी अपनी मांगों को लेकर मंत्रालय पर मोर्चा निकालेंगे। लोक संघर्ष मोर्चा की ओर से आयोजित इस मार्च में 20 हजार से ज्यादा किसानों के शामिल होने की उम्मीद है। 21 नवंबर को विधानसभा के शीत सत्र के दौरान किसान अपनी मांगे लेकर मंत्रालय तक पहुंचेंगे। लोक संघर्ष मोर्चा की महासचिव प्रतिभा शिंदे ने बुधवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि सरकारें आश्वासन से ज्यादा किसानों को कुछ नहीं देती। अगर न्यूनतम समर्थन मूल्य ही ठीक से देने की व्यवस्था कर दी जाए तो किसान कर्ज मुक्त हो जाएंगे। शिंदे के मुताबिक कर्जमाफी दिखावा है, क्योंकि सरकार अगर इमानदारी से न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के लिए कानूनी सख्ती बरते तो किसान को कर्ज की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। किसानों का इतना हक मारा गया है कि सरकार उनकी कर्जदार है। शिंदे ने कहा कि कर्जमाफी के बाद भी किसानों को बैंक दोबारा फसल कर्ज नहीं दे रहे हैं। उनके पास ऐसे हजारों किसानों की सूची है जिन्हें कर्ज नहीं मिल रहा है। सरकार को वादे के मुताबिक कर्ज देने से इनकार कर रहे बैंकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

विदर्भ-मराठावाडा-उत्तर महाराष्ट्र में 1023 ट्रांसफार्मर खराब
उन्होंने कहा कि विदर्भ, मराठवाडा, उत्तर महाराष्ट्र के 1023 ट्रांसफार्मर खराब हैं शिकायतों के बावजूद उसे ठीक नहीं कराया जा रहा है। शिंदे ने बताया कि हमने मुख्यमंत्री को 20 हजार से ज्यादा पोस्टकार्ड लिखे हैं जिसमें चेतावनी दी गई है कि हम मंत्रालय आ रहे हैं और अपनी मांगे पूरी होने तक यहां से हटेंगे नहीं। किसान, आदिवासी अपने खाने-पीने का सामान भी साथ लाएंगे। मोर्चें में जल विशेषज्ञ राजेन्द्र सिंह और योगेंद्र यादव जैसे कई नेता शामिल होंगे। मोर्चे के ओर से सरकार के सामने 15 मांगे रखी गईं हैं, जिनमें एमएसपी में किसानों को 50 फीसदी लाभ, कृषि पंप ट्रांसफार्मर  की 48 घंटे में मरम्मत, ठंड में दिन में सिंचाई के लिए बिजली, स्कूल पोषक आहार में केला शामिल करने की मांग शामिल है।  

सूखे को लेकर सरकार के खिलाफ मनसे का मोर्चा 27 नवंबर को 

विपक्ष के आक्रामक रूख के बाद अब मनसे भी सूखे को लेकर सड़कों पर उतरेगी। पार्टी की तरफ से सूखा प्रभावित 122 तहसीलों में 27 नवंबर को दंडुका (डंडा) मोर्चा निकाला जाएगा। इसी दिन औरंगाबाद में सूखे सहित अन्य मुद्दों को लेकर रैली निकाली जाएगी। बुधवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में मनसे के पूर्व विधायक नितीन सरदेसाई ने यह जानकारी दी। सरदेसाई ने कहा कि प्रदेश सरकार ने जल्दबाजी में सूखा घोषित किया है। लेकिन राज्य के कई इलाकों में लोगों को मदद नहीं मिल पा रही है। इसलिए पार्टी की तरफ से सूखा प्रभावित तहसीलों में मोर्चा निकालकर तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा जाएगा। मनसे नेता व प्रवक्ता अनिल शिदोरे ने कहा कि सरकार ने 151 तहसीलों में सूखा घोषित किया है। जिसमें से 122 तहसीलों में गंभीर और 39 तहसीलों में मध्यम सूखा है। इसका मतलब है कि राज्य की 5 करोड़ जनता सूखे के चपेट में है। लेकिन सूखा प्रभावितों के लिए सरकार ने मदद के लिए उचित प्रबंध नहीं किए हैं। शिदोरे ने कहा कि औरंगाबाद की रैली में पार्टी अध्यक्ष राज ठाकरे शामिल नहीं होंगे। 
 

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