गेंद निकालने के चक्कर में बच्चों ने गंवाई जान, बुझे तीन घरों के चिराग

गेंद निकालने के चक्कर में बच्चों ने गंवाई जान, बुझे तीन घरों के चिराग

Anita Peddulwar
Update: 2018-09-10 07:37 GMT
गेंद निकालने के चक्कर में बच्चों ने गंवाई जान, बुझे तीन घरों के चिराग

डिजिटल डेस्क, पांढरकवड़ा (यवतमाल)। पानी से भरे एक गड्‌ढे में गई गेंद को पकड़ने के चक्कर में तीन बच्चे डूब गए, जिससे तीनों की मौत हो गई। पोला त्योहार पर तीन घरों के चिराग बुझ जाने से शोकपूर्व वातावरण निर्माण हुआ है।

गेंद पकड़ने एक के बाद एक डूबते गए
जानकारी के अनुसार ग्रीन पार्क परिसर में सरकारी कार्यालयों का निर्माण कार्य शुरू है। इस काम में ठेकेदार द्वारा कार्य के दौरान सुविधा हो और कांक्रिटीकरण की मशीन लाने ले जाने के लिए रैम्प जैसा12 से 15 फीट गहरा गड्ढा बनाया गया है। बारिश के चलते बीते कुछ दिनों से यहां निर्माण कार्य रोक दिया गया, जिसके चलते गड्ढे में पानी जमा हो गया। इसी बीच परिसर में  स्थानीय बच्चे खेल रहे थे। खेलते-खेलते उनकी गेंद इस गड्ढे में जा गिरी। गेंद को निकालने की फिराक में तीनों बच्चे डूब गए और उनकी मौत हो गई   घटनास्थल पर तहसीलदार महादेव जोरावर, पुलिस अधिकारी ने पहुंचकर जांच शुरू कर दी।

राह से गुजर रही महिलाओं ने दी जानकारी
बता दें कि घटनास्थल के पास से काम के लिए गुजर रही कुछ महिलाओं को इस घटना का पता चला। उन्होंने शोर मचाया तो स्थानीय नागरिक घटना स्थल की और दौड़ पड़े और बालकों को बचाने की कोशिश शुरू कर दी। लेकिन उनकी यह कोशिश नाकाम रही। हादसे में शाम नगरी निवासी शिक्षक विकास मोगरकर के बेटे सिद्धेश(10 ), बीएसएनएल के कर्मी बालासाहेब राठोड के बेटे आदर्श (11), आदिवासी विकास प्रकल्प कार्यालय कर्मी श्यामकिरण राठोड के बेटे संचेतन (11) की लाश ही बचाव दल के हाथ लगी। मच्छलीमार समाज के युवकों ने डूबे हुए बालकों की खोज कर उन्हें बाहर निकालने में सहायता की।
गौततलब है कि गड्ढा 15  फीट का है।

चौथा बच्चा भी डूबने की आशंका
परिसर में चर्चा है कि तीनों बच्चों के साथ चौथा बच्चा भी था। इसी चौथे बच्चे को ढूंढने के लिए परिसर के नागरिकों ने तुरंत पंप लाकर पानी की निकासी की। स तहसीलदार जोरावर ने महामार्ग पर काम पर लगी मशीन  बुलाकर पानी की तुरंत निकासी की। दुर्घटना से परिसर में शोक व्याप्त है। साथ ही सार्वजनिक निर्माण कार्य विभाग की लापरवाही के चलते यह हादसा होने की चर्चा है, जिससे इस विभाग के खिलाफ नागरिकों में रोष है।

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