उमरेड-करांडला में बाघिन व 3 शावकों की मौत

उमरेड-करांडला में बाघिन व 3 शावकों की मौत

Anita Peddulwar
Update: 2021-01-02 10:56 GMT
उमरेड-करांडला में बाघिन व 3 शावकों की मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उमरेड-करांडला परिसर में एक बाघिन (सी-3) अपने तीन शावकों के साथ मृत मिली। इससे पूरे वन विभाग में खलबली मच गई है। बाघिन जिस जगह पर मरी है, वहां से कुछ ही दूरी पर मरा हुआ मवेशी मिला है। उसका आधा हिस्सा कोई जानवर खा गया है। आशंका जताई जा रही है कि मवेशी का मांस खाने के बाद  बाघिन की मौत हुई है। दरअसल, कई बार मवेशी मालिक मरे हुए मवेशी के ऊपर जहर डाल देते हैं, ताकि जंगली जानवर खाकर मर जाएं। करांडला निवासी मवेशी मालिक दिवाकर नागोकर को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। बाघिन का शव ठाना तालाब के पास मिला। यहां से कृषि क्षेत्र नजदीक है। जानकारों की मानें तो कोई बाघ किसी भी जीव का शिकार करने पर उसे एक बार में नहीं खाता। कुछ दिनों तक थोड़ा-थोड़ा करके खाता है। आशंका जताई जा रही है कि मवेशी मालिक ने बदले की भावना से मवेशी के शव पर जहर डाल दिया होगा। 

कई बार कुछ मवेशी मालिक बदला लेने के इरादे से मवेशियों के शव पर जहर का छिड़काव करते हैं। इससे बाघ की मौत हो जाती है। मवेशी मालिक से पूछताछ हो रही है।
-नितीन काकोडकर, पीसीसीए (वन्यजीव), वन विभाग, नागपुर

गाइड हड़ताल पर, वन मजदूर करा रहे जंगल की सैर
उमरेड-करांडला में करांडला गेट पर  कुछ गाइड ने काम बंद आंदोलन किया। इसका कारण प्रशासन की ओर से सतीघाट व रानबोडी तालाब परिसर बंद करना बताया जा रहा है। आरोप है, कि प्रशासन की ओर से इन दो स्थानों को बंद करने से यहां आनेवाले पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो गई है। इससे गाइड के रोजगार पर संकट मंडरा रहा है। उधर, 20-25 गाइड ने काम बंद कर दिया तो प्रशासन के सामने समस्या खड़ी हो गई। इसका समाधान वन मजदूरों के माध्यम से मिला। इन वन मजदूरों के माध्यम से पर्यटकों को जंगल सफारी की सैर कराई गई।

इसलिए रखा गया है बंद 
सूत्रों की मानें तो सतीघाट व रानबोडी परिसर में 3 साल पहले आई कॉलर आई डी वाली बाघिन की मौजूदगी है। उस बाघिन ने यहां 4 शावकों को जन्म दिया है। पर्यटकों की हलचल के कारण बाघिन व शावकों को परेशानी न हो, इसलिए वन विभाग ने सतीघाट व रोनबोडी तालाब परिसर बंद कर दिया है।
 

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