अवनि के शावकों पर नजर, टी 1 सी 3 को लगा रेडियो कॉलर

अवनि के शावकों पर नजर, टी 1 सी 3 को लगा रेडियो कॉलर

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-26 07:02 GMT
अवनि के शावकों पर नजर, टी 1 सी 3 को लगा रेडियो कॉलर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। विदर्भ में पिछले कुछ माह पूर्व बाघों के गायब होने और बाघों की मौत को सरकार ने गंभीरता से लेते हुए विदर्भ में  बाघ के शावकों का रेडियो कॉलर लगाए जाने संबंधी शासनादेश जारी किया। जिसके बाद टी 1 अवनि के शावक टी 1 सी 3 के को सफलतापूर्वक रेडियो कॉलर लगाकर उसके  प्राकृतिक आवास क्षेत्र में छोड़ दिया गया। साेमवार सुबह टिपेश्वर अभयारण्य के कक्ष क्रमांक 101  में शावक टी 1 सी 3 के देखे जाने की खबर के बाद भारतीय वन्यजीव संस्था देहरादून के पशु चिकित्सक डॉ. पराग निगम, पेंच प्रकल्प के पशु चिकित्सक डॉ. चेतन पातोड, पल्लवी घासकरवी,  प्रमोद पंचभाई, विभागीय वन अधिकारी पांढरकवड़ा संदीप चव्हाण, सहायक वन संरक्षक अमर सिडाम व अन्य कर्मचारी वहां पहुंचे। डॉ. निगम व टीम ने शावक टी 1 सी 3 को बेहोश कर रेडियो कॉलर लगाया। बाद में उसे उसके प्राकृतिक आवास क्षेत्र में छोड़ दिया गया। यह जानकारी पांढरकवड़ा वन विभाग के विभागीय वनअधिकारी प्रमोद पंचभाई ने दी है। 

11 सबएडल्ड बाघ शावकों को रेडियो कॉलर लगाने के आदेश
उल्लेखनीय है कि पूर्वी विदर्भ लैडस्केप (ईवीएल) के 11 सब एडल्ट बाघ शावकों की सीमा पहचाने और उन्हें रेडियो कॉलर पहनाने संबंधी शासनादेश जारी किया गया है। इसके तहत पांढरकवड़ा वनविभाग के अंतगर्त स्थित टिपेश्वर अभयारण्य के दो शावक भी शामिल हैं। यह शासनादेश भारतीय वन्यजीव संस्था, देहरादून के विशेषज्ञ बिलाल हबीब के स्टडिंग द डिस्परेल ऑफ टाइगर अक्रॉस द इस्टर्न विदर्भ लैंडस्केप(ईवीएल), महाराष्ट्र के आधार पर वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 12 की गई है।  इसके तहत रविवार को पांढरकवड़ा वन्यजीवविभाग के टिपेश्वर अभयारण्य में टी-1 के शावकों को रेडियो कॉल लगाने के लिए मुहिम की शुरुआत की गई। मुख्य वन संरक्षक तथा पेंच बाघ प्रकल्प के क्षेत्र संचालक, डॉ. बिलाल हबीब के मार्गदर्शन में मुहिम की शुरुआत हुई।  इसके लिए कक्ष क्रमांक 99, 100, 101, 102, 105, 106 और 110 में 25 ट्रैप कैमरे लगाए गए हैं। 

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