कान्हा में फिर हुई मादा बाघ की संदिग्ध मौत, शिकार की आशंका, कई अंग गायब

कान्हा में फिर हुई मादा बाघ की संदिग्ध मौत, शिकार की आशंका, कई अंग गायब

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-19 14:57 GMT
कान्हा में फिर हुई मादा बाघ की संदिग्ध मौत, शिकार की आशंका, कई अंग गायब

डिजिटल डेस्क, मंडला। कान्हा नेशनल पार्क में फिर के बाघ की मौत हो गई है। मुंडीदादर बीट में दो साल के मादा बाघ का संदिग्ध अवस्था में शव मिला। बाघिन के आधे अंग गायब है, जिससे शिकार की आंशका जताई जा रही है। घटना की जानकारी लगते ही केटीआर के आला अफसर जंगल में जांच में जुटे हुए हैं।

सुरक्षा पर उठे सवाल
बताया गया है कि एक पखवाड़े में दो मादा बाघों की मौत हो चुकी है। 19 जनवरी की सुबह केटीआर के गश्ती के दल को मुंडी दादर बीट में एक दो साल के मादा बाघ शरीर के अवशेष दिखे है। नजदीक से तफ्दीश करने पर और भी अंग क्षत विक्षत थोड़ी दूर मिलें है। मादा बाघ के आधे से अधिक महत्वपूर्ण अंग गायब है सिर्फ सिर और पैर ही मिलें है। इसको लेकर शिकार की आशंका जताई जा रही है।

दो बाघों में हुई लड़ाई
वही पार्क प्रबंधन प्रारंभिक तौर पर नर बाघ के हमले से मादा बाघ की मौत बता रहा है। इसके पहले भी पांच  जनवरी को पार्क के किसली परिक्षेत्र खटिया बीट कक्ष क्रमांक 633 में एक चार वर्षीय बाघिन का क्षत विक्षत शव मिला था। जिसकी मौत की वजह आपसी लड़ाई ही बताया गया था, लेकिन कुछ समय से केटीआर और उससे लगे बफर जोन  में वन्यप्राणीयों की खाल तस्करो से पकडऩे गए है जिससे कहा जा रहा है कि केटीआर में वन्यप्राणीयों की सुरक्षा और सरंक्षण के इंतेजाम फैल है और यहां शिकारियो की नजर है। जिसे रोकने में कान्हा नेशनल पार्क समेत वन अमला  लगाम नहीं लगा पा रहा है।

लगातार हो रहा शिकार
सूत्रों की माने तो यहां पर वन्यजीवों का शिकार लगातार किया जा रहा है। वन अमले द्वारा ध्यान न दिए जाने के कारण शिकारियों के हौसले बुलंद हैं। सूत्रों की मानें तो अंध विश्वास के चलते भी बाघों का शिकार हो रहा है। तस्कर बाघों के पंजे काटकर ले जा रहे हैं, जिसको महंगे दामों में बेचा करते हैं।

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