13 मृतकों में 5 पर ही बाघिन ने किया था हमला, 8 की किसी अज्ञात जानवर ने ली जान

13 मृतकों में 5 पर ही बाघिन ने किया था हमला, 8 की किसी अज्ञात जानवर ने ली जान

Anita Peddulwar
Update: 2018-10-20 08:26 GMT
13 मृतकों में 5 पर ही बाघिन ने किया था हमला, 8 की किसी अज्ञात जानवर ने ली जान

डिजिटल डेस्क,नागपुर। आक्रामक हुई टी-1 बाघिन पर 13 लोगों पर हमला करने का संदेह था। लेकिन जांच रिपोर्ट में बाघिन ने केवल मरने वालों में 5 लोगों पर ही हमला करने की पुष्टि हुई है। ऐेसे में अन्य 8 लोगों पर किसी अज्ञात जानवरों ने हमला करने की बात साफ हो रही है। ऐसे में बाघिन ने खुद के बचाव के लिए इन पांच लोगों पर हमला करने का अनुमान भी लगाया जा रहा है। फिलहाल बाघिन को पकड़ने के लिए वन विभाग जद्दोजहद कर रहा  है। वन विभाग का मुख्य लक्ष्य बाघिन को पकड़ना ही है।

जानकारी के अनुसार गत कुछ माह पहले से टी-1 बाघिन द्वारा रालेगांव परिसर में ग्रामीण निवासियों पर हमला करने का सिलसिला शुरू हुआ था। जिसके कारण परिसर के लोग दहशत में थे। बाघिन द्वारा 2 लोगों पर हमला करने के बाद हरकत में आये वन विभाग ने इसको पकड़ने की कवायदें शुरू की थी। लेकिन बाघिन हाथ नहीं आई। इसके बाद परिसर में कुछ और ग्राम निवासी पर अज्ञात जानवरों द्वारा हमले हुए। ऐसे में सभी हमले को बाघिन से जोड़ते हुए बाघिन ग्रामीण निवासियों के लिए खतरा बनने की बात सामने आई थी। ऐसे में वन विभाग ने इसे मारने के आदेश देते हुए निजी शूटर को भी बुलाया था। लेकिन इस बीच शिकारी व वन विभाग की कुछ अधिकारियों के साथ तालमेल नहीं बैठ रहा था। उधर बाघिन ने दो शावकों को जन्म देने से इसके प्रति वन्यजीव प्रेमियों की सात्वना बढ़ गई। ऐसे में मामला कोर्ट भी पहुंचा था।

कोर्ट ने बाघिन द्वारा हो रहे हमले का देखते हुए वन विभाग के निर्णय को सही बताया था। जिसमें पहले बाघिन को पकड़ने की कोशिश करें या फिर उसे गोली मार दे। हालांकि इसके बाद भी बाघिन हाथ नहीं लगी थी। 20 वाहन व 200 के करीब इंसान जंगल में बाघिन को तलाशने में जुटी है। लेकिन बाघिन की एक झलक भी देखने नहीं मिल रही है। इस बीच बाघिन द्वारा 13 लोगों पर हमला करने के मामले सामने थे। जिसकी जांच हो रही थी। हाल ही में आई रिपोर्ट में  13 लोगों में से बाघिन ने केवल 5 लोगों पर ही हमला करने की बात सामने आई है। इसमें भी 2 को ही उसने खाया है। 3 को मार  कर छोड़ दिया था। ऐसे में बाघिन को मारने  के फेवर में खुद वन विभाग नहीं दिख रहा है। बाघिन को पकड़ने के लिए अधिकारियों से लेकर कर्मचारी दिन-रात एक कर रहे हैं।

बाघिन को नरभक्षी नहीं कहा जा सकता
मानद पशु कल्याण अधिकारी करिश्मा गलानी ने बताया कि उन्होंने हाल में रालेगांव परिसर में जाकर वहां की स्थिति का जायजा लिया है। उन्होंने बताया कि जांच रीपोर्ट में बाघिन ने केवल 5 पर ही हमला करने का मामला सामने आया है। बाकी लोगों की मौत अन्य जानवरों के हमले से हुई हैं। एेसे में बाघिन को नरभक्षी नहीं कहा जा सकता है। वह अपनी सुरक्षा के लिए हमला कर रही है। उन्होंने बताया कि हाल ही में बाघिन को पकड़ने के लिए विदेशी टीम को बुलाने को लेकर राष्ट्रपति के पास दया याचिका भी लगाई है। जिस पर खुद वन विभाग सकारात्मक रवैया दिखा रहा है।

                   

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