प्रशासन में आरटीआई का खौफ, जिम्मेदारी से बचने की गई 30 अधिकारियों की नियुक्ति
प्रशासन में आरटीआई का खौफ, जिम्मेदारी से बचने की गई 30 अधिकारियों की नियुक्ति
डिजिटल डेस्क, नागपुर। सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) को लेकर प्रशासन में कितना खौफ है, इसका ज्वलंत उदाहरण सामने आया है। इस जिम्मेदारी से बचने के लिए तहसीलदारों ने तहसील कार्यालय में एक या दो नहीं, बल्कि 30 से अधिक आरटीआई अधिकारी और अनेकों की अपीलीय अधिकारी के रूप में नियुक्ति कर दी है। जनमंच द्वारा आरटीआई में मांगी गई जानकारी में यह चौंकाने वाले खुलासा हुआ है। नियमानुसार, तहसील स्तर पर एक, दो या बहुत ज्यादा तीन आरटीआई अधिकारी और एक-दो अपीलीय अधिकारी की नियुक्ति की जा सकती है, लेकिन तहसीलदारों ने आरटीआई के मामलों से बचने के लिए अपने मातहत अनेकों अधिकारी की नियुक्त कर दिए हैं।
जनमंच के अध्यक्ष प्रमोद पांडे, महासचिव नरेश क्षीरसागर ने कहा कि, प्रत्येक कार्यालय में सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 5 अनुसार एक सक्षम अधिकारी की सूचना अधिकारी के रूप में नियुक्ति करने का प्रावधान है, लेकिन इस नियम को कुछ अधिकारियों ने जानबूझकर ठेंगा दिखाया है। सूचना देने की जिम्मेदारी दुय्यम दर्जे के कर्मचारी पर सौंपकर नई प्रथा शुरू कर दी है, जिससे वरिष्ठ अधिकारी सूचना के अधिकार में पूछी गई जानकारी से खुद को दूर रखने का योजनाबद्ध प्रयास कर रहे हैं। जनमंच ने सूचना अधिकार अंतर्गत प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले अधिकारियों की जांच कर कार्रवाई करने की मांग की है।
उड़ानपुल कार्य के दौरान फूटी पाइप लाइन
लिबर्टी टॉकीज चौक से लेकर मानकापुर तक एनएचएआई द्वारा उड़ानपुल का काम किया जा रहा है। इस कार्य के दौरान सदर, एसएफएस स्कूल के सामने अचानक पीने के पानी की लाइट फूट गई। पानी का फव्वारा निकला। काफी समय तक पानी इसी तरह बहता रहा। बड़े पैमाने पर पानी की बर्बादी की हुई। प्रभाग का मुआयना कर रही नगरसेविका स्नेहा विवेक निकोसे ने इसकी सूचना तुरंत अोसीडब्ल्यू अधिकारी कालरा को दी। अधिकारियों ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर लीकेज को बंद करने का काम किया। पाइप लाइन लीकेज होने से लोगों को भारी परेशानी हो रही है।