महाराष्ट्र में राशन की दुकानों में 35 रुपए में मिलेगी अरहर की दाल

महाराष्ट्र में राशन की दुकानों में 35 रुपए में मिलेगी अरहर की दाल

Anita Peddulwar
Update: 2018-05-30 06:16 GMT
महाराष्ट्र में राशन की दुकानों में 35 रुपए में मिलेगी अरहर की दाल

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य मंत्रिमंडल में कई अहम फैसले लिए गए जिसमें अब सरकारी राशन की दुकानों पर 35 रुपए किलो की दर से तुअर दाल (अरहर) मिलेगी।  राज्य मंत्रिमंडल ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है।  राशन दुकानों पर तुअर दाल फिलहाल 55 रुपए प्रति किलो की दर से मिल रही है। प्रदेश में बीते साल तुअर के भारी उत्पादन के बाद सरकार द्वारा खरीदी गई तुअर को खपाना मुश्किल हो रहा है। हालांकि सरकार ने दावा किया है कि ग्राहकों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय किया गया है। राज्य सरकार ने बताया कि सार्वजनिक वितरण व्यवस्था के तहत कर्नाटक में 38 रुपए प्रति किलो और तमिलनाडु में 30 रुपए प्रति किलो की दर से तुअर दाल बेची जा रही है। 

आपदा के समय तत्काल मदद के लिए बनी उपसमिति 
प्राकृतिक आपदाओं के समय तत्काल मदद के लिए प्रदेश के मदद व  पुनर्वास मंत्री चंद्रकांत पाटील की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल की उपसमिति गठित करने को राज्य मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। यह उपसमिति सूखा, ओलावृष्टि, तूफान, भूकंप, आग, बाढ़ और सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदा के दौरान तत्काल मदद का फैसला ले सकेगी। उपसमिति को मदद वितरित करने का अधिकार भी होगा। उपसमिति के प्रस्तावों को राज्य मंत्रिमंडल में पेश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। साथ ही वित्त विभाग की मंजूरी की आवश्यकता नहीं होगी। उपसमिति के सदस्य के रूप में प्रदेश के वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार, सहकारिता मंत्री सुभाष देशमुख, ग्राम विकास मंत्री पंकजा मुंडे, जलसंरक्षण मंत्री राम शिंदे को शामिल किया गया है। इन सभी संबंधित विभागों के सचिव भी उपसमिति का हिस्सा होंगे। 

भूमिहीनों को जमीन खरीदने को मिलेगी अधिक राशि
कर्मवीर दादासाहब गायकवाड सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता योजना का आर्थिक दायरा बढ़ा दिया गया है। इससे प्रदेश के अनुसूचित जाति और नवबौद्ध समुदाय के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले भूमिहीनों को खेती की जमीन खरीदने के लिए अधिक राशि मिल सकेगी। सरकार के फैसले के अनुसार लाभार्थी को जिरायती जमीन के लिए प्रति एकड़ 5 लाख और बागायती जमीन के लिए प्रति एकड़ 8 लाख रुपए दिए जाएंगे। योजना के तहत लाभार्थियों को 100 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए साल 2018-19 में 40 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। 

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