जंगल सफारी का लुत्फ उठाने मुंबई, हैदराबाद से गड़चिरोली पहुंच रहे पर्यटक

लग रहा तांता जंगल सफारी का लुत्फ उठाने मुंबई, हैदराबाद से गड़चिरोली पहुंच रहे पर्यटक

Anita Peddulwar
Update: 2021-12-18 09:56 GMT
जंगल सफारी का लुत्फ उठाने मुंबई, हैदराबाद से गड़चिरोली पहुंच रहे पर्यटक

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। आदिवासी बहुल और नक्सलग्रस्त गड़चिरोली जिले को जंगल सफारी ने एक अनोखी पहचान दिलाई है। एक समय में गड़चिरोली का नाम सुनते ही नक्सलवाद के कारण दहशत में आने वाले लोग अब जंगल सफारी के मोह में यहां खिंचे चले आते हैं, लेकिन 7 दिनों की कालावधि में ही वनविभाग द्वारा गुरवला वनक्षेत्र में आरंभ की गई जंगल सफारी का लुत्फ उठाने मुंबई, हैदराबाद जैसे बड़े शहरों के नागरिक यहां पहुंचने लगे हैं।  वीकेंड में इस जंगल सफारी में पर्यटकों का तांता लगा रहने की उम्मीद व्यक्त की जा रही है। बता दें कि, गड़चिरोली वनविभाग ने जिला मुख्यालय से महज 15 किमी दूर गुरवला और हीरापुर वनक्षेत्र में 52 किमी लंबा नेचर सफारी आरंभ किया है। सफारी का उद्घाटन हाल ही में 10 दिसंबर को किया गया

अन्य पर्यटन स्थलों का विकास भी जरूरी 
छत्तीसगढ़ और तेलंगाना राज्य से सटे गड़चिरोली जिले में 72 प्रतिशत वन उपलब्ध है। यहां पर विभिन्न स्थानों पर दर्जनों की संख्या में पर्यटन स्थल मौजूद हैं, लेकिन इन स्थलों का आज तक विकास नहीं हो पाया है। विकास से वंचित इन पर्यटन स्थलों में नक्सलग्रस्त बिनागुंड़ा का झरना, अहेरी तहसील का देवलमरी, विदर्भ की काशी मार्कंड़ा, चपराला अभयारण्य, वैरागढ़ का पांडवकालीन किला, मुतनूर पहाड़ी, टिपागढ़, कमलापुर हाथी कैम्प आदि समेत अन्य स्थानों का समावेश है। यदि इन स्थलों का विकास हुआ तो यकीनन जिले के विकास में इससे मदद मिलेगी। 

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