इंदौर में जीएसटी बंद का मिला जुला असर, जयंत मलैया को व्यापारियों ने सुनाई खरी-खोटी

इंदौर में जीएसटी बंद का मिला जुला असर, जयंत मलैया को व्यापारियों ने सुनाई खरी-खोटी

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-15 12:38 GMT
इंदौर में जीएसटी बंद का मिला जुला असर, जयंत मलैया को व्यापारियों ने सुनाई खरी-खोटी
टीम डिजिटल, इंदौर. एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू करने के विरोध में एमपी के व्यापारियों ने एक दिन के लिए गुरुवार को बाजार बंद रखा. हालांकि प्रदेश में इसका मिलाजुला असर देखने को मिला है. ज्यादातर जगह बाजार खुले दिखे हैं. मध्य प्रदेश चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स ने यह बंद बुलाया था. इंदौरी व्यापारियों के अनिश्चितकालीन बंद की घोषणा के बाद जबलपुर चैम्बर ने भी 22 जून को जबलपुर बंद की घोषणा की है. व्यापारी 23 जून से 1 जुलाई तक शाम 7 से 9 बजे तक मोमबत्ती जलाकर काम करेंगे. अगर फिर भी मांगे नहीं मानी गईं तो वह अनिश्चितकालीन बंद करेंगे. 
 
इधर गुरुवार को व्यापारियों के विरोध की सूचना मिलते ही सीएम शिवराज सिंह चौहान ने अहिल्या चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष से फोन पर भी बात की है. इसी दौरान मध्यप्रदेश के वित्त मंत्री जयंत मलैया व्यापारियों से बातचीत करने के लिए इंदौर पहुचें, जहां उन्हें व्यापारियों के गुस्से का सामना करना पड़ा.
 
इंदौर पहुंचे जयंत मलैया ने रेसीडेंसी कोठी में व्यापारियों से मुलाकात की और उनकी मांगे जानी. व्यापारियों की मांग है कि जीएसटी को लागू करने के लिए एक साल का समय दिया जाए और कई वस्तुओं पर ज्यादा टैक्स लगाया गया है, जिसे कम किया जाए. साथ ही व्यापारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गई तो वो अपने-अपने व्यापार को बंद कर चाबियां सरकार को सौंप देंगे. वहीं व्यापारियों की मांगे सुनने के बाद मंत्री जयंत मलैया ने व्यापारियों को भरोसा दिलाया कि वो उनकी मांगों को जीएसटी काउंसिल में रखेंगे.
 
वित्त मंत्री के भरोसे के बाद व्यापारियों ने अनिश्चितकालीन बंद के ऐलान को फिलहाल टाल दिया है. जीएसटी के विरोध में व्यापारियों ने किराना, कपड़ा, दवा की थोक और फुटकर बाजारों को एक दिन के बंद का ऐलान किया था. इस दौरान ट्रांसपोर्टर और होटल कारोबारियों ने अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखने का ऐलान किया था.
 

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