एजेंट के जरिए बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर फांसा, लाखों रुपए लेकर हो गए चंपत

एजेंट के जरिए बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर फांसा, लाखों रुपए लेकर हो गए चंपत

Anita Peddulwar
Update: 2021-02-04 07:57 GMT
एजेंट के जरिए बेरोजगारों को नौकरी दिलाने के नाम पर फांसा, लाखों रुपए लेकर हो गए चंपत

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बढ़ती बेरोजगारी अपराधियों के लिए मुफीद साबित हो रही है। नौकरी के नाम पर युवाओं को छलने का सिलसिला खत्म नहीं हो रहा है। ऐसा ही एक और मामला प्रकाश में आया है। 3 युवकों ने बाकायदा मनीष नगर में सांस्कृतिक विकास मंडल का कार्यालय खोला। यहीं से युवाओं को ठगने का जाल बिछाया गया। इसके लिए सुदूर क्षेत्रों तक एजेंट दौड़ाए गए। दर्जनों युवा इनके जाल में फंसे। उन बेरोजगारों से लाखों रुपए बटोरकर तीनों ठग भाग निकले।

फर्जी कार्यालय पर अब ताला लटका है। बेलतरोड़ी पुलिस ने इस मामले में 3 युवकों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है। फर्जी कार्यालय खोल नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी प्रकरण को अंजाम देने वाले पुलिस से दूर हैं। सूत्रों की मानें तो दर्जनों युवाओं के साथ धोखाधड़ी हुई है। फिलहाल, 3 पीड़ित सामने आए हैं। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ेगी, पीड़ितों की संख्या बढ़ती जाएगी।  

चपरासी पद के लिए निकाली थी वैकेंसी : गौरवराजे ज्ञानेश्वर सावरकर (40), फिरोज अब्दुल मलानी (25) दोनों यवतमाल और नागपुर निवासी विनोद बलीराम गजभिये (45) ने मनीष नगर में सांस्कृतिक विकास मंडल का फर्जी कार्यालय खोला था। इस कार्यालय को असली सरकारी कार्यालय दर्शाकर बेरोजगारों से पैसे ऐंठे गए। इसी कार्यालय के माध्यम से चपरासी पद के लिए वैकेंसी निकाली गई। इनके चंगुल में अमरावती जिला के वाठोड़ा निवासी राहुल मारोतराव गायकी (27) और अन्य दो युवक भी फंस गए।

ये तीनों भी नौकरी की तलाश में थे। इनसे 17 लाख रुपए ले लिए गए। यह मामला 27 जनवरी 2017 का है। 3 साल से भी ज्यादा का वक्त बीत गया था, पर नौकरी नहीं मिली। इसी बीच, फर्जीवाड़े की जानकारी हो गई। राहुल सहित तीनों युवकों ने अपनी रकम वापस मांगी। इस बात पर गौरवराजे, फिरोज और विनोद ने आनाकानी शुरू कर दी। दबाव बढ़ा तो कार्यालय में ताला डाल तीनों फरार हो गए। इसके बाद मामला थाने पहुंचा। पुलिस को जानकारी मिली है कि इस तरह की धोखाधड़ी कई अन्य युवाओं के साथ भी हुई है।
 

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