कोरोना संकट में ट्रैवल एजेंट्स को करोड़ों का नुकसान, कई छोटी एजेंसियां हो गईं बंद

कोरोना संकट में ट्रैवल एजेंट्स को करोड़ों का नुकसान, कई छोटी एजेंसियां हो गईं बंद

Anita Peddulwar
Update: 2021-07-14 11:01 GMT
कोरोना संकट में ट्रैवल एजेंट्स को करोड़ों का नुकसान, कई छोटी एजेंसियां हो गईं बंद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के कारण पिछले डेढ़ साल में शहर के ट्रैवल एजेंट्स को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। शहर में कई छोटी-बड़ी ट्रैवल एजेंसियां बंद हो चुकी हैं। प्रशासन की ओर से शाम 4 बजे तक ऑफिस खोलने की इजाजत मिलने के बाद ट्रैवल एजेंट्स के कार्यालय तो खुले, लेकिन बुकिंग्स का प्रतिशत बहुत कम है। मध्यमवर्गीय परिवार पहले ही कोरोना के कारण आर्थिक रूप से काफी टूट चुके हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय उड़ानें बंद होने के कारण भी ट्रैवल इंडस्ट्री पर काफी प्रभाव पड़ा है। दूसरी लहर के बाद अब कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। 

400 से ज्यादा ट्रैवल एजेंसियां बंद
लॉकडाउन के बीच शहर में लगभग 400 से 500 ट्रैवल एजेंसियां बंद हुई हैं। पहले शहर में 1000 से ज्यादा ट्रैवल एजेंट्स थे, लगातार बंद के कारण अब कई ट्रैवल एजेंट्स  या तो काम बंद कर चुके हैं या दूसरे काम में लग गए हैं। 

मानसून में कम रहता है ट्रैवल
एक तो कोरोना की तीसरी लहर का डर और दूसरी ओर बरसात का माैसम शुरू होने के कारण ट्रैवल करने वालों की संख्या कम है। यदि तीसरी लहर नहीं आती है तो सितंबर-अक्टूबर के बाद ट्रैवल इंडस्ट्री में काम सुचारु होने की संभावना दिख रही है। 

एयर फेयर वृद्धि का नहीं पड़ेगा असर
ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के संस्थापक अध्यक्ष हरमनदीपसिंह आनंद के अनुसार ईंधन की बढ़ती कीमत और कम हवाई किराए के कारण एयर फेयर में 10 से 15 प्रतिशत वृद्धि हुई है, लेकिन हवाई जहाज में सफर करने वाले लोगों पर इसका कुछ खास असर नहीं पड़ेगा। समय के अनुसार हवाई जहाज का किराया कम ज्यादा होता रहता है। नागपुर से पहले रेाजाना 30 उड़ानें थीं, लेकिन अब उड़ानों की संख्या आधे से भी कम हो गई है। कम यात्रियों में उड़ानों का परिचालन करने से एयरलाइंस कंपनियां पहले ही नुकसान में हैं। 
 

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