चोरी-छिपे प्रवेश देकर पर्यटकों को करवा रहे थे ताड़ोबा की सैर, वनसंरक्षक व एजेंट गिरफ्तार

चोरी-छिपे प्रवेश देकर पर्यटकों को करवा रहे थे ताड़ोबा की सैर, वनसंरक्षक व एजेंट गिरफ्तार

Anita Peddulwar
Update: 2020-12-03 07:43 GMT
चोरी-छिपे प्रवेश देकर पर्यटकों को करवा रहे थे ताड़ोबा की सैर, वनसंरक्षक व एजेंट गिरफ्तार

डिजिटल डेस्क, चिमूर । ताड़ोबा अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में 5 प्रवेश द्वारों से पंजीकृत पर्यटकों को प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए ऑनलाइन व स्पॉट बुकिंग कर तय गेट से पर्यटक वाहन छोड़े जाते हैं। लेकिन ताड़ोबा कोर के नवेगांव रामदेगी गेट से पर्यटकों को बिना पंजीयन के ही अवैध रूप से कोर गेट से सैर करवाने का  मामला  सामने आया। इस मामले में वनरक्षक के साथ एक एजेंट को गिरफ्तार किया गया है। 

प्रसिद्ध ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प में हर वर्ष देश-विदेश के हजारों पर्यटक आते हैं। पर्यटकों को ताड़ोबा में प्रवेश करने मोहर्ली खुटवंडा कोलारा पांगडी व नवेगांव रामदेगी इन प्रवेश द्वारों  से ऑनलाइन व स्पॉट बुकिंग  गेट क्षमता के अनुसार जिप्सी को प्रवेश दिया जाता है। इसके लिए प्रस्तुत गेट पर वनविभाग के कर्मचारियों द्वारा पंजीयन किया जाता है। लेकिन खड़संगी समीपस्थ रामदेगी नवेगांव कोर गेट से बिना पंजीकृत पर्यटकों को पकड़कर उन्हें खड़संगी के एक एजेंट सचिन कोयचाडे व गेट पर सेवारत वन विभाग का कर्मचारी टेकचंद सोनुले मिलकर पर्यटन करवाते थे।

मामले की भनक ताड़ोबा कोर वनपरिक्षेत्र अधिकारी को लगी। उन्होंने इसकी पुष्टि करने के लिए जाल बिछाया। मंगलवार शाम एजेंट सचिन कोयचाडे के पास बुकिंग  न होनेवाले एक पर्यटक को योजना अंतर्गत भेजाा गया। इस समय   स्पॉट बुकिंग न दिखाते हुए वनरक्षक व एजेंट खुद ही पर्यटकों से राशि लेकर उन्हें  भेज दिया। यह मामला उजागर होते ही ताड़ोबा कोर के वन परिक्षेत्र अधिकारी सतीश शेंडे ने इसकी शिकायत चिमूर पुलिस थाने में की। पुलिस ने इस  शिकायत पर वनरक्षक टेकचंद रूपचंद सोनुले (28) व सचिन संतोष कोयचाडे(27) के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 409 अंतर्गत अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया। एसडीपीओ नितीन बगाटे व थानेदार रवींद्र  शिंदे के मार्गदर्शन में पीएसआई अलीम शेख मामले की जांच कर रहे हैं। 

शिकायतें तो गईं थीं - रामदेगी (नवेगांव) कोअर प्रवेश द्वार से 6 जिप्सी की अनुमति है। परंतु किसी समय ४ ही जिप्सी की बुकिंग होती थी। उस समय आरोपी सचिन कोयचाडे नामक एजेंट वनरक्षक टेकचंद सोनूले से साठगांठ कर 2 वाहन स्वयं छोड़ देते थे। इसकी शिकायत भी की गई थी। 

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