ई-कामर्स से देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ी- तिवारी

ई-कामर्स से देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ी- तिवारी

Anita Peddulwar
Update: 2019-01-06 08:20 GMT
ई-कामर्स से देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ी- तिवारी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। वर्तमान में ई-कॉमर्स का चलन बढ़ रहा है। यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी है। ई-कॉमर्स सीधे उत्पादक से उपभोक्ता को जोड़नेवाली व्यवस्था है। इसमें टैक्स चोरी को बढ़ावा मिल रहा है। इस व्यवस्था में कोई लेखा-जोखा नहीं रहने से सरकार को करोड़ों रुपए टैक्स की चपत लग रही है। ट्रेड यूनियन को-ऑर्डिनेशन सेंटर के राष्ट्रीय महामंत्री एस. पी. तिवारी ने यह बात कही।

कामगार नीति पर कटाक्ष
सरकार की कामगार नीति पर तिवारी ने कटाक्ष किया। मीट द प्रेस कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि देश में संगठित कामगारों की संख्या 17 प्रतिशत से घटकर साढ़े तीन प्रतिशत रह गई है। असंगठित कामगारों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सभी क्षेत्रों में अनुबंध पर नियुक्तियां किए जाने से असंगठित कामगारों की संख्या में तेजी से उछाल आ रहा है। उनकी सामाजिक सुरक्षा हाशिए पर है। उसी तरह कामगारों का स्थलांतरण देश के सामने बड़ी समस्या है। रोजगार के लिए कामगार एक प्रांत से दूसरे प्रांत में जाने को मजबूर हैं। ऐसे कामगारों को लेकर बवाल मचाया जा रहा है। पर-प्रांतीय के नाम पर उन पर जुल्म ढाया जाता है। भारत सरकार के पास कार्पाेरेट क्षेत्र को 2 लाख 23 हजार करोड़ रुपए देकर मेहरबानी दिखाई गई है। किसानों, कामगारों के लिए सरकार की जेब खाली है। देश की यह विचित्र स्थिति है। उन्होंने कहा कि श्रम कानूनों को अमल में लाने पर कामगारों की 90 प्रतिशत समस्या हल हो सकती है। इसके लिए सरकार की मानसिकता बदलनी जरूरी है।

कामगारों की स्वास्थ्य सेवा चरमराई
एस. पी. तिवारी ESIC  केंद्रीय बोर्ड के सदस्य भी हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कामगारों की स्वास्थ्य सेवा चरमरा गई है। अस्पतालों में संसाधन खस्ताहाल है। डॉक्टर तथा पैरा-मेडिकल स्टॉफ के अनेक पद  रिक्त हैं। एक साल से दवाइयाें की आपूर्ति ठप है। विदर्भ के ESIC  अस्पतालों को दवा आपूर्ति करने वाले गोदाम खाली पड़े हैं। एक करोड़ दवा क्षमता के गोदाम में मुश्किल से एक लाख रुपए की दवाइयां हैं। कामगारों को दवा खरीदी के बिल का 3 करोड़ रुपए बकाया हैं। निजी अस्पताल में मरीज को रेफर करने पर उपचार करने से हाथ खड़े किए जा रहे हैं।

शिकायत की जाएगी
केंद्र सरकार बराबर निधि आवंटित कर रही है, फिर भी कामगारों का बकाया भुगतान नहीं किया गया है। यह कामगारों का पैसा है। इस पर राज्य सरकार अपना हक जमाकर कामगारों का अधिकार छीन रही है। कामगारों के स्वास्थ्य सेवा में लापरवाही कदापि बर्दाश्त नहीं की जा सकती। इस संबंध में महाराष्ट्र के कामगार कल्याण और स्वास्थ्य मंत्रालय तथा सचिव से शिकायत की जाएगी। मीट दी प्रेस में प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रदीप मैत्र, टीयूसीसी के राष्ट्रीय सचिव संजय कटकमवार, सदस्य ज्ञानेश्वर गुरव, राज्य सदस्य अण्णा बरगट, वरिष्ठ पत्रकार उमेश उपदेव उपस्थित थे।

बुटीबोरी में बनेगा 200 बेड का अस्पताल
तिवारी ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से कामगारों के लिए 200 बेड का अस्पताल बनाया जा रहा है। भूमिपूजन हो चुका है। यंत्र सामग्री तथा संसाधनों की खरीदी का टेंडर जारी किया गया है। शीघ्र ही नर्माणकार्य शुरू होकर 2 वर्ष में अस्पताल शुरू होने की उम्मीद है। देश के सभी जिलों में ईएसआईसी अस्पताल बनाने का ईएसआईसी केंद्रीय बोर्ड में प्रस्ताव पारित किए जाने की उन्होंने जानकारी दी।

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