निर्वस्त्र कर पिटाई मामले में FIR कराने के बाद दहशत में आदिवासी

निर्वस्त्र कर पिटाई मामले में FIR कराने के बाद दहशत में आदिवासी

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-15 17:20 GMT
निर्वस्त्र कर पिटाई मामले में FIR कराने के बाद दहशत में आदिवासी

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। अंध-मूक बायपास पर स्थित पटेल ढाबा के बाजू में  डम्पर चालकों को निर्वस्त्र कर बेरहमी से पिटाई करने के मामले में FIR दर्ज कराने वाले  तीनों आदिवासी इस समय दहशत में हैं। उक्त आदिवासियों ने पहले तो FIR दर्ज कराने से इनकार कर दिया था। बड़ी मुश्किल में पुलिस  ने आदिवासियों को सुरक्षा का आश्वासन देकर उनसे FIR दर्ज करवाई। आरोपी गुड्डू शर्मा एवं उसका साथी शेरू इस समय फरार हैं और उनकी तलाश की जा रही है।

उनके खिलाफ मारपीट के अलावा एससी-एसटी एक्ट का मामला भी दर्ज है। इस मामले में आदिवासियों सुरेश ठाकुर, आशीष गोंड़, गोलू ठाकुर का कहना था कि डम्पर मालिक गुड्डू शर्मा एवं शेरू आदि ने उनको इतना डरा दिया कि वे पुलिस के पास शिकायत करने भी नहीं गए।  उनके द्वारा कोई डीजल की चोरी नहीं की गई थी, लेकिन इसके बाद भी कुछ लोगों की झूठी शिकायतों पर उन्हें  11 जुलाई की रात करीब 8 बजे ढाबा के पास बुलाया गया था। सुरेश ठाकुर द्वारा पुलिस को दिये गए बयान में कहा गया है कि गुड्डू शर्मा एवं उसके साथी शेरू ने उनके जबरदस्ती कपड़े उतरवाकर उन्हें पहले निर्वस्त्र किया आैर फिर धमकी देकर उनके साथ बेसबाॅल के डंडे एवं पाइप से बेरहमी से मारपीट की। उनसे कहा गया कि यदि हाथ से डंडे का वार रोकने की कोशिश की तो हाथ तोड़ दिये जायेंगे। उन्हें इस मामले की शिकायत किसी से नहीं करने की भी धमकी दी गई थी।

120 लीटर डीजल चोरी का आरोप
पुलिस के अनुसार गुड्डू शर्मा का आरोप था कि मंडला निवासी सुरेश, आशीष एवं गोलू ठाकुर ने मिलकर डम्पर से 120 लीटर डीजल की चोरी की है। यह मारपीट उसी को लेकर की गई थी, ताकि डीजल चोरी का पता लगाया जा सके। तीनों आदिवासियों ने अपने बयान में शक की वजह से पिटाई करने की बात कही है।

अमानवीय कृत्य पर सौंपा ज्ञापन
इधर बसपा ने एएसपी राजेश तिवारी को ज्ञापन सौंपकर निर्वस्त्र कांड के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अादिवासियों पर लगातार हमले बढ़ रहे हैं। ज्ञापन सौंपने वालों में बसपा के कमलेश कुमार चौधरी, सुरेश बंशकार, ज्योति सतनामी, ईश्वरी बौद्ध, शरण चौधरी, अयोध्या चौधरी आदि शामिल थे।

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