सैटेलाइट मैपिंग से सूखे के हालात जानने की कवायद

सैटेलाइट मैपिंग से सूखे के हालात जानने की कवायद

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-14 05:04 GMT
सैटेलाइट मैपिंग से सूखे के हालात जानने की कवायद

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सैटेलाइट मैपिंग से सूखे के हालात जानने की कवायद राज्य सरकार शुरू करने की तैयारी में है। पर्याप्त बारिश नहीं होने का असर अब जलाशयों पर साफ दिख रहा है। नागपुर विभाग के 16 बड़े जलाशयों में सिर्फ 7.41 प्रतिशत पानी शेष है। विशेष यह कि नागपुर शहर को जलापूर्ति करने वाले तोतलाडोह जलाशय में केवल 0.52 प्रतिशत पानी बचा है। नागपुर जिले के आसपास भूगर्भ स्तर 1 से 2 मीटर गिरने से स्थिति और भी खराब हुई है। खासकर काटोल, नरखेड़ और कलमेश्वर जैसी तहसील भीषण सूखे की चपेट में बताई गई है। यही स्थिति राज्य की अन्य तहसीलों में है। ऐसे में राज्य सरकार ने सूखे की स्थिति से निपटने के लिए अब जलाशय और सिंचाई वाले क्षेत्रों की सैटेलाइट मैपिंग, एरियल फोटोग्राफी और ड्रोन सर्वे करने का निर्णय लिया है। इस सर्वे के जरिये एक अचूक अनुमान निकाला जाएगा। इस अनुमान के आधार पर सूखा क्षेत्र के लिए पानी के लिए स्थायी नियोजन करने सहित उपलब्ध पानी का योग्य इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है, इस पर निर्णय लिया जाएगा। 

 उच्च स्तरीय समिति गठित  
यह सर्वे करने के लिए राज्य सरकार ने उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। समिति का अध्यक्ष जलसंपदा विभाग के सचिव को बनाया गया है। इसमें विदर्भ पाटबंधारे विकास महामंडल, नागपुर के कार्यकारी संचालक सहित अन्य सदस्य होंगे। विदर्भ पाटबंधारे विकास महामंडल के कार्यकारी अभियंता डी.एस. राजूस्कर ने उच्च स्तरीय समिति गठन की पुष्टि की है। समिति विविध एजेंसी के सहकार्य और सलाह से वैज्ञानिक पद्धति से अध्ययन कर पानी के योग्य इस्तेमाल व नियोजन का प्रारूप तैयार करेगी। समिति को प्रारूप तैयार करने के लिए सरकार ने 10 करोड़ रुपए तक वित्तीय व प्रशासकीय अधिकार भी प्रदान किए गए हैं। समिति को यह रिपोर्ट 31 मार्च 2020 से पहले पेश करनी होगी। 

नागपुर विभाग में गहराया संकट 
नागपुर विभाग के 16 बड़े जलाशय में सिर्फ 7.41 प्रतिशत पानी है। खासकर नागपुर शहर को जलापूर्ति करने वाले तोतलाडोह में 0.52 प्रतिशत पानी शेष है। तोतलाडोह की इस स्थिति को देखते हुए नागपुर महानगरपालिका ने पानी की कटौती शुरू कर दी है। शहर में नलों में पानी का फोर्स अचानक कम हो गया है। इससे स्थिति अभी से खराब होती दिख रही है। नागपुर जिले के ही खिंडसी जलाशय में 8.93 प्रतिशत, वड़गांव में 17.41 प्रतिशत, नांद में शून्य प्रतिशत, कामठी खैरी में 26.24 प्रतिशत, निम्न वर्धा में 5.49 प्रतिशत और बोर में 12.49 प्रतिशत शेष बचा है। काटोल, नरखेड़ और कलमेश्वर तहसीलों में सूखा सदृश्य स्थिति है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए वहां सभी सरकारी सुविधाएं और करों में छूट प्रदान की गई है। गहराते जलसंकट को देखते हुए जिले में पानी के 35 टैंकर रोजाना चलाए जा रहे है। इसके अलावा 640 निजी कुओं का भी अधिग्रहण किया गया है। नागपुर विभाग में ही 3 हजार 800 गांव में उपाययोजना प्रस्तावित की गई हैं। इसके लिए 91.49 करोड़ का प्रारुप तैयार किया गया है।

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