तूतीकोरिन स्टरलाइट वेदांता प्लांट में लीक हुआ सल्फ्यूरिक एसिड, मचा हड़कंप

तूतीकोरिन स्टरलाइट वेदांता प्लांट में लीक हुआ सल्फ्यूरिक एसिड, मचा हड़कंप

Bhaskar Hindi
Update: 2018-06-18 18:02 GMT
तूतीकोरिन स्टरलाइट वेदांता प्लांट में लीक हुआ सल्फ्यूरिक एसिड, मचा हड़कंप

डिजिटल डेस्क, तूतीकोरिन। तमिलनाडु के तूतीकोरिन स्थित स्टरलाइट वेदांता प्लांट पर विवाद अभी थमा नहीं है। अब प्लांट में खतरनाक सल्फ्यूरिक एसिड लीक होने की सूचना है। इस खबर से इलाके में हड़कंप मच गया है। इस मौके पर तूतीकोरिन प्रशासन भी मौजूद था। तूतीकोरिन के जिलाधिकारी संदीप नंदूरी ने स्टरलाइट कॉपर प्लांट से सल्फ्यूरिक एसिड लीक होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया, "सल्फर एसिड स्टोरेज टैंक में स्टोर किया गया था, जो अचानक लीक हो गया। यह गलती कैसे हुई इस बारे में फिलहाल कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है। इस एसिड को सावधानी पूर्वक हटाया जा रहा है।"

 

जिलाधिकारी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि प्रशासन सभी सुरक्षा इंतजामों को ध्यान में रखते हुए अपनी कार्रवाई कर रहा है, ऐसे में इसके लिए लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। बता दें कि बीते महीने 29 मई को तूतीकोरिन में लगे 4 लाख टन सालाना (एलटीपीए) वाले कॉपर स्मेल्टर प्लांट को तत्काल प्रभाव से बंद करने का आदेश दिया था। इसके बावजूद इस प्लांट को बढ़ाने का काम चल रहा था। 

 

सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए

पिछले महीने हुए विरोध प्रदर्शन में स्थानीय लोग यहां सड़कों पर उतर आए थे। इस दौरान हिंसा भड़क गई थी और पुलिस फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई थी। कोर्ट के आदेश पर प्लांट को बंद कर दिया गया था, यहां किसी को भी आने-जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। आशंका जतायी जा रही है कि इस एसिड लीक की घटना से फिर से प्लांट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरु हो सकते हैं, जिसके चलते प्लांट के आस-पास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।

 

मैनपावर और बिजली की मांग

स्टरलाइट प्लांट की मालिकाना कंपनी वेदांता का कहना है कि उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों से मांग की है कि उनकी कंपनी के अधिकारियों को प्लांट के अंदर जाने दिया जाए, जिससे वह समस्या का समाधान कर सकें। वेदांता ने रायटर्स को दिए अपने एक बयान में कहा है कि इस तरह की घटनाएं मेंटेनेंस की कमी के कारण हो जाती हैं। हमनें राज्य सरकार से मांग की है कि हमें थोड़ी मैनपावर और बिजली उपलब्ध करायी जाए, ताकि सुरक्षा के लिए आवश्यक ऑडिट नियमित अंतराल पर कराए जा सकें।

 

बता दें कि तूतीकोरिन के इस स्टरलाइट प्लांट का विरोध लंबे समय से स्थानीय निवासियों और पर्यावरणविदों द्वारा किया जा रहा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस प्लांट में कॉपर निर्माण के कारण उन्हें वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण जैसी बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इससे कई गंभीर बीमारियां फैल रही हैं।  

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