अतिक्रमण हटाने के नाम पर पुलिस के दो घंटे किए बर्बाद

अमरावती अतिक्रमण हटाने के नाम पर पुलिस के दो घंटे किए बर्बाद

Anita Peddulwar
Update: 2022-05-25 08:57 GMT
अतिक्रमण हटाने के नाम पर पुलिस के दो घंटे किए बर्बाद

डिजिटल डेस्क, अमरावती। इतवारा बाजार से सटे कड़बी बाजार का अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के लिए राजस्व विभाग के पत्र पर नागपुरी गेट पुलिस ने  करीब 50 जवानों का बंदोबस्त लगाया था। सुबह 10 बजे यह कार्रवाई शुरू होनी थी किंतु दो घंटे तक राजस्व विभाग यह तय नहीं कर पाया की किस जगह का अतिक्रमण हटाना है। राजस्व विभाग के अधिकारी 2 घंटे तक वरिष्ठों से सलाह मशविरा करते रहे। उसी समय बंदोबस्त की कमान संभालने वाली एसीपी पूनम पाटील राजस्व विभाग पर भड़क गईं आैर उन्होंने चेताया कि बंदोबस्त का गलत फायदा न उठाएं। 

जानकारी के अनुसार कड़बी बाजार परिसर निवासी सैयद अब्बास सैयद पिरु नामक दिव्यांग के घर के सामने 20 वर्ष पहले मो. सादीक मो. सिद्दीकी ने अतिक्रमण करते हुए लोहे के पत्रे की दुकान बनाई है। मो. सादीक के निधन के बाद इसी जगह पर उसके भाई सौदागरपुरा निवासी मो. अशफाक मो. सिद्दीकी ने कब्जा कर लिया। इस अतिक्रमण के चलते सैयद अब्बास के घर का मुख्य रास्ता बंद हो गया। इस कारण इस अतिक्रमण को हटाने के लिए सैयद अब्बास 20 वर्ष से नजूल कार्यालय में शिकायत कर रहा है। इससे पहले अतिक्रमित जगह की नापतौल की गई। मामला नजूल तहसीलदार से जिलाधिकारी और जिलाधिकारी कार्यालय से उपविभागीय अधिकारी के कार्यालय तक पहुंचा। मो. सादीक मो. सिद्दीकी का अतिक्रमण सिध्द भी हुआ। दो माह पहले तहसीलदार संतोष काकडे ने 15 मार्च को अतिक्रमण गिराने का निर्णय लेकर मनपा के अतिक्रमण तोड़ू दस्ते को तैयार रहने का पत्र दिया। यहां तक कि पुलिस को बंदोबस्त लगाने के निर्देश भी दिए गए थे। किंतु कार्रवाई के एक दिन पहले तहसीलदार काकडे ने भूमि अभिलेख विभाग को पत्र लिखा और मोहम्मद सादीक ने निश्चित किस जगह पर अतिक्रमण किया यह तय कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा।

 इस कारण अतिक्रमित जगह का फिर से नापतौल की गई और राजस्व विभाग की जांच में यह तय हुआ कि मो. सादीक मो. सिद्दीकी ने जिस जगह पर अतिक्रमण किया है वह जगह सीट नं. 129 है। यह रिपोर्ट आने के बाद तहसीलदार काकडे ने जिस जगह पर यह अतिक्रमण है उसे 26 अप्रैल को गिराने पुलिस को बंदोबस्त लगाने के लिए कहा। जगह संवेदनशील रहने से एक एसीपी, एक पीआई, दो पीएसआई, पुलिस व दंगा नियंत्रण दल के जवान इस तरह कुल 50 कर्मचारियों का बंदोबस्त लगाने के निर्देश दिए गए थे। किंतु 26 अप्रैल को रमजान का महीना होने से पुलिस ने बंदोबस्त नहीं दिया गया। जिससे मंगलवार 24 मई को अतिक्रमण गिराना निश्चित हुआ। तहसील कार्यालय के अधिकारी बढीए, नजूल सर्वेअर शीतल सराड, मनपा के अतिक्रमण विभाग प्रमुख अजय बंसेले सुबह 10.30 बजे अतिक्रमण की कार्रवाई करने मौके पर पहुंचे। किंतु अतिक्रमण करने वाले मो. अशफाक मो. सिद्दीकी ने कोर्ट के आदेश की एक प्रति अधिकारियों को दिखाई और कहा कि उसकी दुकान जिस जगह पर है वह सीट नं. 129 नहीं बल्कि सीट नंबर 131-1 है और 131 को धक्का न लगाने के कोर्ट के आदेश हैं। तब मो. सादिक ने जिस जगह अतिक्रमण किया वह सीट नंबर 129 या 131-1 है। यह निश्चित करने में राजस्व विभाग के अधिकारी लगभग 2 घंटे तक वरिष्ठों से चर्चा करते रहे। आखिर अतिक्रमित जगह का फिर से नापतौल कर नई रिपोर्ट बनाने के बाद कार्रवाई करना तय हुआ। इस उलझन में दो घंटे तक बंदोबस्त में तैनात पुलिस के जवान कड़ी धूप में खड़े थे। यह देख एसीपी पूनम पाटील राजस्व विभाग पर भड़क उठीं। उन्होंने कहा कि प्रशासन के पत्र पर नि:शुल्क बंदोबस्त लगाया गया और बंदोबस्त का इस तरह से गलत फायदा न उठाएं। आखिर दोपहर 12 बजे के बाद बंदोबस्त में तैनात पुलिस कर्मी अपने-अपने थाने में लौट गए। बंदोबस्त की मकान एसीबी पाटील के साथ ही नागपुरी गेट के थानेदार मेश्राम ने संभाली थी। 


 

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