गए थे जमानत लेने और पहुंच गए जेल, बिना जान पहचान कोशिश पड़ी मंहगी

गए थे जमानत लेने और पहुंच गए जेल, बिना जान पहचान कोशिश पड़ी मंहगी

Tejinder Singh
Update: 2018-12-04 15:20 GMT
गए थे जमानत लेने और पहुंच गए जेल, बिना जान पहचान कोशिश पड़ी मंहगी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। नगर पुलिस ने फर्जी जमानत दिलाने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपी एक शख्स को जमानत दिलाने अदालत पहुंचे थे। लेकिन न्यायाधीश ने सवाल जवाब किया तो फर्जीवाड़े की बात सामने आई। इसके बाद अदालत ने पुलिस को दोनों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए। गिरफ्तार आरोपियों के नाम आसाराम यादव और संतलाल पाल है। दोनों के खिलाफ पुलिस ने झूठी जानकारी देकर अदालत को गुमराह करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की है। दरअसल उत्तर प्रदेश के नोएडा में रहने वाले अमित पांडे नाम के शख्स के खिलाफ नकली सिक्के बनाने के आरोप में कलवा पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज थी।

पुलिस ने पांडे को गिरफ्तार कर लिया था। पांडे ने ठाणे कोर्ट में जमानत की अर्जी दी थी। उसकी जमानत के लिए भिवंडी में रहने वाले यादव और पाल पहुंचे थे। यादव ने अदालत में राशनकार्ड, घर के किराए की रसीद, फोटो पहचान पत्र, प्रतिज्ञा पत्र आदि की प्रति अदालत में जमा कराई। कागजात तो सही थे लेकिन न्यायाधीश आर टी इंगले ने यादव से पूछताछ की तो वह घबरा गया। उसने अदालत को बताया कि वह पांडे को नहीं जानता और पाल के कहने पर जमानत दिलाने आया था। उसने कहा कि इसके बदले पाल ने उसके घर का दो हजार रुपए किराया भरा था।

साथ ही उसे एक हजार रूपए और एक वक्त का खाना देने का भी वादा किया गया था। इस स्वीकारोक्ति के बाद अदालत ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया। सीनियर इंस्पेक्टर आरडी मालेकर ने बताया कि दोनों आरोपी 7 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेजे गए हैं। बता दें कि नियमों के तहत किसी भी शख्स की जमानत तभी ली जा सकती है जब आप उसके रिश्तेदार हों या जान पहचान हो।  

 

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