राज्यपाल मनोनीत सीट से विधान परिषद सदस्य बनेंगे उद्धव ठाकरे

राज्यपाल मनोनीत सीट से विधान परिषद सदस्य बनेंगे उद्धव ठाकरे

Anita Peddulwar
Update: 2020-04-09 13:30 GMT
राज्यपाल मनोनीत सीट से विधान परिषद सदस्य बनेंगे उद्धव ठाकरे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे विधान परिषद का सदस्य बनेंगे। उद्धव विधान परिषद की राज्यपाल कोटे की रिक्त सीट पर मनोनीत होंगे। गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल ने राज्यपाल कोटे की रिक्त सीट पर उद्धव ठाकरे को मनोनीत करने की सिफारिश की। मंत्रालय में प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। राज्य मंत्रिमंडल की इस बैठक में मुख्यमंत्री उद्धव मौजूद नहीं थे। उद्धव ने 28 नवंबर 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

उद्धव विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। इसलिए संविधान के प्रावधानों के अनुसार उद्धव को छह महीने के भीतर विधानसभा और विधान परिषद का सदस्य बनना अनिवार्य है। छह महीने की यह अवधि 27 मई 2020 को खत्म होने वाली है। इसके मद्देनजर राज्य मंत्रिमंडल ने यह अवधि खत्म होने से पहले उद्धव को विधान परिषद में भेजने का फैसला किया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोन वायरस के संकट के चलते विधान परिषद की रिक्त होने वाली सीटों पर चुनाव होने की परिस्थिति नहीं है। इसलिए फिलहाल राज्यपाल नियुक्त दो सीटें रिक्त हैं। इसमें से एक सीट के लिए उद्धव के नाम की सिफारिश करने का फैसला किया गया है।

टल गया संवैधानिक संकट
प्रदेश के अल्पसंख्यक विकास मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि राज्यपाल कोटे से उद्धव को विधान परिषद में भेजने से राज्य का संभावित संवैधानिक संकट टल गया है। मलिक ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल में इस प्रस्ताव को मंजूरी देना था। इसलिए यह तय हुआ था कि मुख्यमंत्री स्वयं इस बैठक में नहीं रहेंगे और उपमुख्यमंत्री राज्य मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के समय राकांपा की ओर से राज्यपाल कोटे की सीट से चुने गए राहुल नार्वेकर और रामराव वडकुते ने इस्तीफा दे दिया था।नार्वेकर और वडकुते ने राकांपा छोड़कर भाजपा में प्रवेश करने के कारण इस्तीफा दिया था। 

राज्यपाल की ओर नजरें 
राज्य में महाविकास आघाडी की सरकार बनने के बाद राज्यपाल कोटे की रिक्त दो सीटों पर राकांपा के नेता शिवाजीराव गर्जे और अदिती नलावडे के नाम की सिफारिश ठाकरे सरकार की ओर से राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के पास भेजी गई थी लेकिन राज्यपाल ने इन दोनों सीटों पर नियुक्ति को मंजूरी नहीं दी थी। इससे अब राज्य मंत्रिमंडल की ओर से की गई उद्धव के नाम की सिफारिश पर राज्यपाल के रूख की ओर नजरें लगी हुई हैं। संविधान के प्रावधानों के अनुसार कला, साहित्य, विज्ञान और अन्य विशिष्ठ क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले 12 व्यक्तियों को राज्यपाल सीधे विधान परिषद के लिए नियुक्त कर सकते हैं। उद्धव कला और फोटोग्राफी जगत से जुड़े रहे हैं। ऐसे में उनके नामित किए जाने में कोई मुश्किल आने की संभावना बहुत कम है। 

मुख्यमंत्री को दो बार बनना होगा सदन का सदस्य
राज्य मंत्रिमंडल की सिफारिश के अनुसार राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री उद्धव विधान परिषद का सदस्य बन जाएंगे। लेकिन मुख्यमंत्री राज्यपाल कोटे की जिस सीट से सदस्य बनेंगे उसका कार्यकाल 6 जून 2020 को खत्म हो जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री को फिर से विधान परिषद का चुनाव लड़ना पड़ेगा। 

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