उद्धव का दिवाली का तोहफा: महाराष्ट्र में 8 महीने बाद 16 नवंबर से खुलेंगे सभी धार्मिक स्थल, कोविड गाइडलाइन का करना होगा पालन 

उद्धव का दिवाली का तोहफा: महाराष्ट्र में 8 महीने बाद 16 नवंबर से खुलेंगे सभी धार्मिक स्थल, कोविड गाइडलाइन का करना होगा पालन 

Bhaskar Hindi
Update: 2020-11-14 12:57 GMT
उद्धव का दिवाली का तोहफा: महाराष्ट्र में 8 महीने बाद 16 नवंबर से खुलेंगे सभी धार्मिक स्थल, कोविड गाइडलाइन का करना होगा पालन 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने प्रदेश में 8 महीने बाद सभी धार्मिक स्थल खोले जाएंगे। इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने 16 नवंबर से शर्तों के साथ सभी मंदिर खोले जाने की इजाजत दे दी है। मंदिरों में पहुंचने वाले दर्शनार्थियों को सरकार की ओर से जारी गाइडलाइंस का पालन करना होगा। मंदिरों में मास्क पहनकर ही जाने की इजाजत दी जाएगी।

महाराष्ट्र सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। मंदिरों में अधिक भीड़ न हो और सभी को मास्क पहनना अनिवार्य है। महाराष्ट्र सरकार के आदेश के जारी करने के बाद सिद्धिविनायक ट्रस्ट के आदेश बांदेकर ने कहा कि उन्हें आदेश की प्रति 15 नवंबर को मिलेगी। सिद्धिविनियाक ट्रस्ट के आदेश बांदेकर ने यह भी बताया कि आदेश की कॉपी मिलने के बाद मीटिंग बुलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि बहुत हद तक संभव है कि मंदिर एक दिन बाद खुल जाए।

भाजपा ने किया था अनशन
गौरतलब है कि मंदिर खोले जाने के मुद्दे पर विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया था। इसे लेकर राज्यपाल ने सीएम उद्धव को पत्र लिखा था। राज्यपाल ने उद्धव को लिखे अपने पत्र में शिवसेना पर हिंदुत्व को लेकर तंज किया था। राज्यपाल के इस पत्र के बाद इस मसले ने सियासी रंग ले लिया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर राज्यपाल के पत्र की भाषा पर ऐतराज जताया है।

राज्यपाल ने उद्धव से पूछा था- दैवीय आदेश मिला या अचानक सेक्युलर हो गए
महाराष्ट्र में मंदिर न खोले जाने पर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बीच चिट्ठीबाजी हुई थी। राज्यपाल ने अपनी चिट्ठी में उद्धव को लिखा था कि यह विडंबना है कि एक तरफ सरकार ने बार और रेस्त्रां खोल दिए हैं, लेकिन मंदिर नहीं खोले गए। ऐसा न करने के लिए आपको दैवीय आदेश मिला या अचानक से सेक्युलर हो गए। उद्धव ने भी राज्यपाल की इस चिट्ठी का तुरंत जवाब दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि उन्हें उनसे यानी राज्यपाल से हिंदुत्व के लिए सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।

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