परीक्षा प्रणाली में होगा बदलाव, यूजीसी ने मंगाए सुझाव

परीक्षा प्रणाली में होगा बदलाव, यूजीसी ने मंगाए सुझाव

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-26 06:55 GMT
परीक्षा प्रणाली में होगा बदलाव, यूजीसी ने मंगाए सुझाव

डिजिटल डेस्क,नागपुर। देश के उच्च शिक्षा क्षेत्र में परीक्षा प्रणाली में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग बड़ा बदलाव करने जा रहा है। मौजूदा प्रणाली में "टेस्ट मेमोरी लर्निंग" पैटर्न पर सेमेस्टर या साल के अंत में परीक्षा ली जाती है। यूजीसी इसे बदल कर ज्ञान की खोज और नया आविष्कार करने की ललक और आनंद की ओर मोड़ना चाहता है। इस बदलाव के लिए यूजीसी ने मई 2015 में विशेषज्ञों की एक समिति बनाई थी, जिसे नई परीक्षा प्रणाली की रूपरेखा  तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। समिति ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट यूजीसी को भेजी है। इसे लागू करने के पूर्व यूजीसी शिक्षा क्षेत्र के सभी घटकों (विद्यार्थी, पालक, शिक्षक, विशेषज्ञ व अन्य) से उनके सुझाव जानना चाहता है। यूजीसी ने आगामी 9 मार्च तक ई-मेल के जरिए सभी घटकों से उनके सुझाव मंगाए हैं। इससे संंबंधित जानकारी यूजीसी की वेबसाइट पर अपलोड की गई है। यूजीसी ने इसमें विस्तृत जानकारी भी दी है।

नौकरी मिल जाती है, पर ज्ञान अधूरा ही रह जाता है
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मौजूदा परीक्षा प्रणाली में अंक,प्रतिशत और डिवीजन के कारण केवल सूचना का असंवेदनशील विश्लेषण किया जाता है। लगातार सीखने और पढ़ाने की प्रक्रिया का मूल्यांकन नहीं हाे पाता। ऐसी पद्धति से पढ़ कर निकले ज्यादा अंक वाले विद्यार्थियों को नौकरियां तो मिल जाती हैं, लेकिन उनके पास जरूरी कौशल और ज्ञान नहीं होता। इसलिए इस ओर गंभीरता से ध्यान देते हुए समिति ने नई प्रणाली को तीस मुख्य बिंदुओं विभाजित किया है। इसके जरिए विद्यार्थी की बौद्धिकता, सामान्य ज्ञान, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, रीजनिंग, लर्निंग, सामाजिक दायित्व में कल्चर, विविध पंथों के प्रति सहनशीलता, जाति और वर्ग रहित समाज, उच्च व्यक्तित्व, इमोशनल मैचुअरिटी और शैक्षणिक गुणवत्ता जैसे मुख्य पहलू शामिल हैं। परीक्षा प्रणाली में सेमेस्टर परीक्षा, क्लास टेस्ट, ओपन बुक, ऑनलाइन-ऑफलाइन सेल्फ टेस्ट, आर्टिकल व निबंध लेखन, क्विज, पजल, ग्रुप एक्टिविटी जैसे कई पहलू शामिल हैं। 

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